भारत में जहां नरेंद्र मोदी एक बार फिर सरकार बनाने में सफल रहे, वहीं उनके खास दोस्त बेन्जमिन नेतन्याहू सरकार नहीं बना पाए। बेन्जमिन नेतन्याहू के गठबंधन सरकार बना पाने में असफल रहने के बाद इसराइली सांसदों ने संसद भंग करने के पक्ष में मतदान किया है। इस फै़सले के कारण अब इसराइल में 17 सितंबर को फिर से चुनाव होंगे।
नेतन्याहू पिछले महीने हुए चुनावों के बाद नया दक्षिणपंथी गठबंधन बनाने के लिए समझौता कर पाने में नाकाम रहे थे। गतिरोध के केंद्र में वह विधेयक रहा, जिसके तहत अति-धर्मनिष्ठ यहूदी शिक्षण संस्थानों के छात्रों को अनिवार्य सैनिक सेवा से मिलने वाली छूट की समीक्षा की जाने की मांग की जा रही है।
इसराइल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब नामित प्रधानमंत्री गठबंधन बनाने में असफल रहा है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा चुनाव जीतने के बाद इस्राइल के प्रधानमंत्री ने भारत फोन कर उन्हें बधाई दी थी। हालांकि इस दौरान भी नेतन्याहू ने इस्राइल में गठबंधन सरकार होने पर चिंता व्यक्त की थी।
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