इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि अफगानिस्तान के प्रति नई सकारात्मक सोच रखी जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अफगानिस्तान को अलग-थलग करने से अफगान लोगों, क्षेत्र तथा दुनिया के लिए गंभीर परिणाम होंगे। कुरैशी ने स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अलबेयर्स के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह टिप्पणी की। अलबेयर्स अफगानिस्तान के ताजा हालात पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुंचे। दोनों नेताओं ने मीडिया से बातचीत से पहले विदेश मंत्रालय में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।
कुरैशी ने कहा, ‘अफगानिस्तान को अलग-थलग करने के गंभीर परिणाम होंगे और वो अफगान जनता, क्षेत्र तथा दुनिया के लिए सहायक नहीं होंगे।’ उन्होंने कहा कि डराने-धमकाने, दबाव और बलप्रयोग की नीति काम नहीं आई। उन्होंने कहा, ‘हमें अफगानिस्तान के संबंध में नयी सकारात्मक सोच अपनानी होगी।’ कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि अफगानिस्तान में नई वास्तविकताओं को पहचाना जाए और शांति के लिए तालिबान के साथ संवाद कायम किया जाए। पाकिस्तान के मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में नई वास्तविकताओं को मानने की कोई जल्दी नहीं है और लोग आराम से देख रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं।
डॉन अखबार ने उनके हवाले से कहा कि संवाद कायम करने की इच्छा है लेकिन वास्तविकताओं को मान्यता देने की जल्दी नहीं है। उन्होंने विश्व से आग्रह किया कि अफगानिस्तान में मानवीय संकट को रोकने पर ध्यान दिया जाए और संतोष जताया कि देश के लिए धन जुटाने की खातिर जिनेवा में सम्मेलन होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात को बेहतर बनाने की दिशा में पाकिस्तान योगदान दे रहा है और उसने भोजन सामग्री तथा चिकित्सा आपूर्ति लेकर 9 सितंबर को एक विमान भेजा था, तथा हवाई और जमीनी मार्ग से और मानवीय सहायता भेजने का वादा किया है।
कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपना अनुरोध दोहराया कि वह अफगानिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर विफल होने से रोकने के लिए कदम उठाए और संसाधन उपलब्ध करवा कर तथा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर यह किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के कोष पर रोक लगाने का फैसला मददगार नहीं होगा तथा इस पर पुन: विचार करना जरूरी है। स्पेन के विदेश मंत्री ने अफगान लोगों की मदद के लिए पाकिस्तान और अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान और स्पेन दोनों ही अफगानिस्तान में स्थिरता एवं शांति चाहते हैं, हम चाहते हैं कि अफगान लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचे।’
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