जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि उसे इस आशय की 'विश्वसनीय रिपोर्ट' मिली है कि पश्चिमी मोसुल से 26 मई के बाद 231 से ज्यादा ऐसे लोग मारे गए हैं जो पलायन करने का प्रयास कर रहे थे। इनमें पिछले हफ्ते महज 3 दिनों में मारे गए 204 लोग भी शामिल हैं। कार्यालय ने कहा कि वह आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने और मोसुल में आतंकवादियों को खदेड़ने का अभियान शुरू करने के बाद वहां से पलायन का प्रयास कर रहे लोगों के कत्लेआम का दस्तावेजीकरण कर रहा है, लेकिन हालिया रिपोर्ट इस तरह की हत्याओं में बहुत अधिक वृद्धि दिखा रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के मुताबिक, बताया जा रहा है कि 26 मई को IS ने पश्चिमी मोसुल के अल-शिफा से पलायन करने की कोशिश कर रहे 27 लोगों की हत्या कर दी, जिसमें 14 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने गुरुवार को मीडिया को दिए अपने बयान में कहा, ‘उनके शवों को 2 दिन बाद उनके पड़ोसियों द्वारा दफना दिया गया।’ कार्यालय ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट हैं कि अल-शिफा में ही एक जून को IS ने पेप्सी फैक्ट्री के पास महिलाओं, बच्चों और पुरुषों सहित कम से कम 163 नागरिकों की हत्या कर दी। बयान के मुताबिक, ‘सूत्रों ने बताया कि IS और इराकी सुरक्षा बलों के बीच छिड़े युद्ध से दिक्कतों का सामना कर रहे नागरिक पलायन कर रहे थे। मारे गए नागरिकों के शव कई दिनों तक सड़क पर पड़े रहे।’ बयान में यह भी कहा गया कि मरने वालों के अलावा, बड़ी संख्या में नागरिक लापता भी हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बताया कि इसी क्षेत्र में 3 जून को IS आतंकवादियों ने सुरक्षित इलाके की ओर जा रहे कम से कम 41 नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के उच्चायुक्त जैद राद अल हुसैन ने कहा, ‘सुरक्षा के लिए अपने परिवारों के साथ पलायन कर रहे बच्चों की हत्या करने जैसे घृणित अपराध की निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है।’ उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वह इराकी अधिकारियों से इस भयावह घटना के जिम्मेदार व्यक्तियों को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों एवं मानकों के अनुरूप न्याय के कटघरे तक लाने का आह्वान करते हैं।
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