अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच इराक में अमेरिकी सैनिकों के शिविर पर रविवार को रॉकेट दागे गए। सुरक्षा बलों ने बताया कि इस हमले में चार इराकी एयरमैन घायल हुए है। पिछले दो सप्ताह में अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव कारण बगदाद के उत्तर में अल-बालाद एयरबेस पर तैनात ज्यादातर अमेरिकी वायुसेना के जवान उसे पहले ही छोड़ चुके है। इराक में अमेरिका के 5,200 सैनिक तैनात हैं। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टेगस ने कहा था कि इस समय, अगर कोई प्रतिनिधिमंडल को इराक भेजा जाता है तो उसका मकसद सैनिकों की वापसी पर चर्चा करने के बजाय सामरिक साझेदारी को मजबूत बनाना होगा। हमारी कोशिश है कि मध्यपूर्व में पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बल तैनात रहें।
इराक के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार रात अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ बातचीत में अमेरिकी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पर चर्चा करने का अनुरोध किया था। उन्होंने पोम्पिओ से यह भी कहा था कि इराक में अमेरिका के हालिया हवाई हमले इराकी संप्रभुता और दोनों देशों के बीच सुरक्षा समझौतों का उल्लंघन है, जिसके स्वीकार नहीं किया जा सकता।
बयान में कहा गया था कि, ''प्रधानमंत्री ने कहा है कि अमेरिकी बलों का इराक में प्रवेश और इराकी अधिकारियों की अनुमति के बिना उसके हवाई क्षेत्र में ड्रोन उड़ाना द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।'' तीन जनवरी को इराक में बगदाद के हवाई अड्डे पर अमेरिकी ड्रोन हमलों में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी और इराकी मिलिशिया के वरिष्ठ कमांडर अबू मेहदी अल-मुहांडदिस की मौत हो गई थी, जिसके बाद इराकी संसद ने अमेरिकी सैनिकों को वापस भेजने के लिए रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया था।
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