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Hindi News विदेश एशिया ट्रंप 52 स्थानों पर हमले की धमकी पर ईरान का पलटवार, 290 अमेरिकी ठिकानों को कर देंगे नेस्तनाबूद

ट्रंप 52 स्थानों पर हमले की धमकी पर ईरान का पलटवार, 290 अमेरिकी ठिकानों को कर देंगे नेस्तनाबूद

टॉप सैन्य कमांडर की मौत के बाद अमेरिका और ईरान के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच ईरान ने जवाबी हमला बोला है।

Iranian President Hassan Rouhani - India TV Hindi Image Source : Iranian President Hassan Rouhani 

टॉप सैन्य कमांडर की मौत के बाद अमेरिका और ईरान के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच ईरान ने जवाबी हमला बोला है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अमेरिका को 290 ठिकानों पर हमले की धमकी दी है। इससे पहले ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाए जाने की धमकी दी थी। वहीं ईरान की धमकी के बाद कल रात ट्रंप ने फिर ट्वीट कर आगाह किया है। ट्रंप ने लिखा है कि ईरान कभी न्यूक्लियर पावर देश नहीं हो सकता है। 

सैन्य कमांडर की मौत के बाद ईरान का नेतृत्व लगातार अमेरिका पर आरोप लगा रहा है। अमेरिका ने शनिवार को ही ईरान के 52 ठिकानों की सूची जारी की है जिस पर अमेरिका हमला कर सकता है। अमेरिका ने कहा है कि यदि ईरान अमेरिकी नागरिकों या उसके ठिकानों को निशाना बनाता है तो वह ईरान के इन 52 स्थानों पर हमला करेगा। इस पर पलटवार करते हुए ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा कि अमेरिका को ईरान को डराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। रुहानी ने कहा कि जो 52 ठिकानों की लिस्ट दिखा रहे हैं उन्हें अपने 290 ठिकानों को भी याद रखना चाहिए। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा कि हमने 1988 में अमेरिकी हमले में 290 लोगों को खोया था और ईरान अमेरिका के 290 ठिकानों पर हमला करेगा। 

अमेरिकी सैनिक छोड़ेंगे ईराक 

इस बीच एक तरफ जहां युद्ध के बादल छाए हैं वहीं अमेरिका ने ईराक के राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर बताया है कि अमेरिकी सैनिक जल्द ही ईराक छोड़ देंगे। इस चिट्ठी में कहा गया है कि सैनिकों के ईराक छोड़ने की प्रक्रिया में सैनिकों की गतिविधियां बढ़ जाएंगी इसलिए इराक सरकार इसमें सहयोग करे।  

क्या हुआ था 1988 में?

साल 1988 में अमेरिकी युद्ध पोत ने ईरान के एक पैसेंजर प्लेन को निशाना बनाया था जिसमें 290 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसके लिए माफी मांगी थी। वहीं ईरान ने साल 1979 में तेहरान में अमेरिकी दूतावास के अंदर 52 अमेरिकी नागरिकों को एक साल तक बंधक बना लिया था। 

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