तेहरान: ईरान में अपनी फांसी का इंतजार कर रही महिला जहरा इस्माइली को हार्ट अटैक से मौत के बावजूद उसकी लाश को फांसी दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहरा के वकील ओमद मोरादी ने दावा किया है कि उनकी मुवक्किल की मौत फांसी के पहले ही हो गई थी, लेकिन मृतक की मां द्वारा फांसी के स्टूल को धक्का दिए जाने के अधिकार का पालन करवाने के लिए जहरा को फांसी से लटकाया गया। बता दें कि जहरा अपने पति की हत्या की दोषी पाई गई थी और उसकी सास को फांसी के स्टूल को धक्का देने का अधिकार मिला था।
जहरा से पहले 16 लोगों को दी गई थी फांसी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहरा के पहले 16 लोगों को फांसी दी गई थी। उन्हें फांसी पर चढ़ता देख जहरा इस्माइली को हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई। इसके बावजूद अधिकारियों ने रजाई शार जेल में 2 बच्चों की मां जहरा को फांसी से लटका दिया। जहरा के ऊपर अपने पति अलीरेजा जमानी की हत्या का आरोप था जो ईरान के खुफिया मंत्रालय में एक ऊंचे पद पर था। अलीरेजा अक्सर जहरा और बच्चों के साथ काफी बुरा सलूक करता था, जिससे परेशान होकर जहरा ने उसकी हत्या कर दी थी। जहरा की सास को उसके नीचे से स्टूल को धक्का मारने का अधिकार मिला था।
ईरान में चलता है शरिया कानून, नाबालिगों को भी फांसी बता दें कि दुनिया में
ईरान मौत की सजा देने के मामले में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के शासन में अब तक 114 महिलाओं को फांसी की सजा दी जा चुकी है। ईरान में विवाहेत्तर संबंधों, गे होने और शराब पीने तक के लिए लोगों को फांसी की सजा दी जा चुकी है। बता दें कि ईरान में
शरिया कानून लागू हैं और लोगों को उसी के आधार पर सजा सुनाई जाती है। इस देश में कानून कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नाबालिगों तक को यहां फांसी से लटकाया जा चुका है।
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