तेहरान। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा इजराइल के साथ अपने राजनयिक संबंध सामान्य करने पर ईरान और तुर्की ने शुक्रवार को उस पर गहरी नाराजगी जाहिर की। दोनों देशों ने यूएई पर फलस्तीन से वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया। अमेरिका की मध्यस्थता में हुए समझौते को ईरान के विदेश मंत्रालय ने 'फलस्तीनी और सभी मुस्लिमों की पीठ पर खंजर मारना करार दिया है।'
तुर्की ने कहा कि लोग यूएई के इस कपटपूर्ण बर्ताव को कभी नहीं भूलेंगे और न ही माफ करेंगे। यूएई ने कभी इजराइल के साथ युद्ध नहीं लड़ा और दोनों देशों के बीच कई सालों से संबंध सुधारने की कवायद जारी थी। यूएई ने कहा कि इस समझौते से इजराइल की उस योजना पर लगाम लगी है जिसके तहत वह पश्चिमी तट के कब्जे वाले इलाकों पर एकतरफा अधिकार करना चाहता था। लेकिन तुर्की के विदेश मंत्रालय का कहना है कि यूएई को फलस्तीन की ओर से इजराइल के साथ समझौता करने का कोई अधिकार नहीं है।
तुर्की ने कहा कि फलस्तीन के लिए महत्व रखने वाले मुद्दों पर बात करने का यूएई को कोई हक नहीं है। इस समझौते से मिस्र और जॉर्डन के बाद यूएई, इजराइल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध रखने वाला तीसरा अरब देश बन जाएगा। फलस्तीन ने इस समझौते को “गद्दारी” करार दिया है और अरब और मुस्लिम देशों से इसका विरोध करने को कहा है।
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