तेहरान: ईरान ने रविवार को एक ऐसा कदम उठाया, जिससे अमेरिका खासा नाराज हो सकता है। पिछले कई सालों से अमेरिका के निशाने पर रहे इस देश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वह मांग खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी कैदियों को रिहा करने के लिए कहा है। ईरान ने इस मांग को हस्तक्षेप और अस्वीकार्य बताया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम कासिमी ने कहा, ‘अमेरिका द्वारा दिए गए भड़काऊ और धमकी भरे बयानों का ईरानी कानून और राष्ट्रीय सुरक्षा के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने और उन्हें दंडित करने के ईरानी न्यायपालिका के इरादे को प्रभावित नहीं कर पाएंगे।’ कासिमी ने ईरानी न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर जोर दिया और कहा कि न्यायपालिका राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली कार्रवाई और कदमों से निपटने के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी प्रशासन दूसरे देशों को धमकी देकर और उनके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप कर एक अनुचित और अवैध दृष्टिकोण अपना रही है।
प्रवक्ता ने वॉशिंगटन से कहा कि वह उन ईरानी नागरिकों को तत्काल रिहा करे, जिन्हें झूठे आरोपों में अमेरिकी जेलों में बंद रखा गया है। ट्रंप ने शुक्रवार को ईरान को धमकी दी थी कि यदि उसने अमेरिकी कैदियों को रिहा नहीं किया तो उसे नए और गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा था, ‘गलत तरीके से कैद किए गए अमेरिकी नागरिकों के रिहा नहीं किए जाने पर राष्ट्रपति ट्रंप नए और गंभीर परिणाम थोपने के लिए तैयार हैं।’ अमेरिका का यह बयान ऐसे समय में आया था, जब इससे पहले एक ईरानी न्यायिक अधिकारी ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि एक ईरानी कोर्ट ने एक अमेरिकी नागरिक को जासूसी के आरोपों में 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है।
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