तेहरान: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी दिनों में तेहरान और वॉशिंगटन के बीच तनाव में लगतार बढ़ोत्तरी हो रही है। इस बीच ईरान के अर्धसैनिक बल ‘रिवॉल्यूशनरी गार्ड’ के शीर्ष कमांडर ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश अमेरिका के किसी भी सैन्य दबाव का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान के जनरल हुसैन सलामी ने तेहरान यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। बता दें कि तेहरान विश्वविद्यालय में रिवॉल्यूशनरी गार्ड के पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की याद में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जो 3 जनवरी 2020 को बगदाद में अमेरिकी ड्रोन के हमले में मारे गए थे।
‘हम दुश्मनों को करारा जवाब दे सकते हैं’
जनरल हुसैन सलामी ने अमेरिका का नाम लिए बगैर कहा, ‘आज हमें किसी भी शक्ति का सामना करने में कोई समस्या, चिंता या आशंका नहीं है। हम अपने दुश्मनों को युद्ध के मैदान में करारा जवाब दे सकते हैं।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मौके पर ईरान के शीर्ष अधिकारियों के साथ ही सीरिया, फिलीस्तीन के नेता, लेबनानी आंदोलन के नेता और सुलेमानी के परिवार के सदस्य मौजूद थे। ब्रिगेडियर जनरल इस्माईल घानी ने कार्यक्रम में अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि ‘शक्तियों’ का फिर से सामना करने को लेकर ईरान में भय नहीं है।
अमेरिका ने खाड़ी में भेजे बॉम्बर और पनडुब्बी
ईरान के न्यायपालिका के प्रमुख इब्राहिम रायसी ने कहा कि सुलेमानी की हत्या में जिन लोगों की भूमिका थी, वे ‘कानून और न्याय से बच’ नहीं पाएंगे, भले ही वह अमेरिका के राष्ट्रपति क्यों न हों। बता दें कि सुलेमानी की मौत के बाद ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खामेनेई ने बदला लेने का संकल्प लिया था। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र में किसी भी संभावित ‘दुस्साहस’ के परिणामों की जिम्मेदारी वॉशिंगटन पर होगी। अमेरिका ने बी-52 बॉम्बर की उड़ान संचालित करने के साथ ही फारस की खाड़ी में एक परमाणु पनडुब्बी भेजी है।
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