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Hindi News विदेश एशिया वुहान में पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से कहा, 'भारत-चीन मिलकर दुनिया को नयी राह दिखाएंगे'

वुहान में पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से कहा, 'भारत-चीन मिलकर दुनिया को नयी राह दिखाएंगे'

चीन ने दावा किया है कि वो प्रधानमंत्री मोदी का ऐसा स्वागत करेगा कि भारत हैरान रह जाएगा। वैसे ये पहली बार होगा जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी राष्ट्राध्यक्ष से मुलाकात के लिए दो दिन तक राजधानी बीजिंग से बाहर रहेंगे।

PM modi Xi jinping meeting- India TV Hindi PM modi Xi jinping meeting

नई दिल्ली: दो दिन के दौरे पर चीन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हूबे प्रविंशल म्यूजियम में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। हालांकि दोनों देशों ने इसे अनौपचारिक वार्ता का नाम दिया है लेकिन माना जा रहा है कि इस दौरान डोकलाम समेत भारत और चीन के बीच सभी विवादित मुद्दों पर बात होगी। वुहान शहर में 2 दिनों के दौरान मोदी और जिनपिंग 5 से 6 बार एक-दूसरे से बातचीत करेंगे। इस मुलाकात के लिए जहां चीन ने मोदी के लिए रेड कार्पेट बिछाया है तो भारत ने भी पिछले कुछ हफ्तों में चीन की हर संवेदनशीलता का ख्याल रखा है। चीन ने दावा किया है कि वो प्रधानमंत्री मोदी का ऐसा स्वागत करेगा कि भारत हैरान रह जाएगा। वैसे ये पहली बार होगा जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी राष्ट्राध्यक्ष से मुलाकात के लिए दो दिन तक राजधानी बीजिंग से बाहर रहेंगे। इससे पहले जिगपिंग सिर्फ बहुपक्षीय सम्मेलनों में हिस्सा लेने के लिए ही बीजिंग से बाहर गए हैं। यह पहली द्विपक्षीय वार्ता है जो बीजिंग से बाहर होगी। खुद पीएम मोदी भी जिगपिंग से मुलाकात को लेकर काफी उत्साहित हैं।

LIVE अपडेट्स

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शी से कहा कि वह अगले वर्ष भारत में अगली अनौपचारिक शिखर बैठक की मेजबानी करके खुश होंगे।


-भारत और चीन में भरोसा बढ़ा है, दोनों देशों की ताकत दुनिया का भला करेगी-पीएम मोदी
-भारत और चीन मिलकर दुनिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि ला सकते हैं-पीएम मोदी-मोदी से मुलाकात के बाद चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा, "उनसे मिलकर बहुत खुशी हुई। बसंत का मौसम मिलने के लिए बहुत अच्छा होता है।"
-जिनपिंग ने बताया कि पीएम मोदी को वुहान शहर की खूबसूरती से वाकिफ कराने के लिए मीटिंग का जगह के तौर पर इसे चुना गया
-पीएम मोदी ने कहा, "प्रधानमंत्री बनने से पहले मैं स्टडी टूर के तौर पर वुहान आ चुका हूं। भारत और चीन ने नदी किनारे अपने इतिहास को आगे बढ़ते देखा है, दोनों देशों में ये एक समानता है।"
-पीएम मोदी और शी जिनपिंग की दूसरी मुलाकात ईस्ट लेक के किनारे स्टेट गेस्ट हाउस में होगी, इसके बाद दोनों नेता डिनर के दौरान भी मुलाकात करेंगे
-पीएम मोदी कभी वुहान नहीं आए थे माना जा रहा है कि इसलिए चीन ने इस शहर को चुना है ताकि वह नए शहर की झलक को देख सकें
-डोकलाम विवाद के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है
-बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की चीन यात्रा की तैयारियां 8 महीनों से चल रही थीं
-दोनों नेता द्विपक्षीय मुद्दों पर बात कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच सीमाओं पर शांति के लिए इस पहल को बेहद अहम माना जा रहा है
-चीन के वुहान में शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो चुकी है। पीएम मोदी और शी जिनपिंग मौके पर मौजूद हैं।
-चीन के पारंपरिक डांस और सांस्कृतिक प्रोग्राम से दोनों नेताओं का स्वागत किया
-हूबे प्रविंशल म्यूजियम में शी चिनफिंग से मिले पीएम मोदी

-वुहान में प्रोटोकॉल तोड़कर पीएम मोदी का स्वागत करने पहुंचे शी जिनंपिंग
-हूवे प्रविंशल म्यूजियम के लिए रवाना हुए पीएम मोदी

मोदी-जिनपिंग की मुलाकात अहम क्यों?
-मुलाकात में उठ सकता है डोकलाम संकट का मुद्दा
-चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट पर भी बातचीत संभव
-चीन-भारत-नेपाल के त्रिस्तरीय इकोनॉमिक कोरिडोर पर चर्चा संभव
-न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की एंट्री पर भी चर्चा संभव
-आतंकी मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने पर चर्चा
-अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर भी दोनों में हो सकती है बातचीत

चीन रवाना होने से पहले मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि, “मैं चीन के 2 दिन के दौरे पर हूं। इस दौरान मैं अनौपचारिक शिखर वार्ता में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय और वैश्विक महत्व के तमाम मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। हम खास तौर पर मौजूदा वैश्विक परिवेश के संदर्भ में राष्ट्रीय विकास के मुद्दों पर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में भी बात करेंगे। रणनीतिक व लंबी अवधि के परिप्रेक्ष्य में भारत-चीन रिश्तों पर बात भी बात होगी।“

उधर बैठक से ठीक पहले चीन की तरफ से भी बेहद सकारात्मक संकेत मिले हैं। चीन की सरकारी मीडिया ने जहां मोदी और जिगपिंग की मुलाकात को एतिहासिक करार दिया वही चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने उम्मीद जताई कि दोनों नेताओं की बैठक के बाद सैनिक स्तर पर भी भारत व चीन के रिश्तों में स्थिरता आएगी व सीमा पर शांति बनाने में मदद मिलेगी। मोदी और जिगपिंग के बीच आज और कल कई दौर में बातचीत होगी। दोनो नेताओं के बीच कम से कम दो बार द्विपक्षीय मुद्दों पर अकेले में बात होगी जबकि एक बार हाईलेवल डेलिगेशन के साथ बातचीत होगी। दोनों देशों ने इसे एक अनौपचारिक वार्ता का नाम दिया है जिसमें आपसी रिश्तों से जुड़े हर मुद्दे को उठाया जाएगा और अहम समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।

चीन की चिंताओं की चिंता तो चीन को करनी है लेकिन अगर हम भारत की चिंताओं के बात करें तो हमेशा की तरह सीमा पर चीन का विस्तारवादी रूख परेशानी की सबब रहा है। डोकलाम में सत्तर दिन से ज्यादा दिन तक जारी गतिरोध को कौन भूल सकता है। डोकलाम संकट के बाद मोदी और जिगपिंग के बीच ये पहली मुलाकात है ज़ाहिर है दोनों नेताओं के बीच बातचीत में ये मुद्दा उठेगा। इसके अलावा चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड को लेकर भी भारत की कुछ आपत्तियां हैं। ये रोड पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर भी गुजरेगी। पीओके को भारत अपना हिस्सा मानता है। ऐसे में वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट को भारत ने अपनी संप्रभुता का उल्लंघन कहा है।

इसके साथ ही चीन न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की एंट्री पर अड़ंगा लगाता रहा है। मोस्टवॉटेंड आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आतंकवादी घोषित करवाए जाने के भारत के प्लान का भी चीन विरोध करता रहा है। इसके अलावा भारत के पड़ोसी देशों जैसे भूटान, नेपाल, मालदीव, मॉरीशस और श्रीलंका में भी चीन जिस तरह अपना प्रभाव बढ़ाता जा रहा है उससे भी भारत चिंतित है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश को लेकर भी चीन बार-बार सवाल उठाता रहा है जबकि भारत कह चुका है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है।

चीन के साथ व्यापार घाटे का मुद्दा भी दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक में उठने की उम्मीद है। ज़ाहिर सी बात है भारत और चीन के बीच ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर दोनों देशों के बीच भरोसे का संकट है। मोदी और जिगपिंग के बीच कई मुलाकातों के बावजूद भरोसा बहाल नहीं हो सकता है। अब इन दोनों नेताओं के बीच अगले दो महीने में दो बार मुलाकात होनी है। देखना है भारत और चीन के बीच रिश्तों में जो बर्फ जमी है उस बर्फ को ये मुलाकातें पिघला पाती हैं या नहीं।

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