'करतारपुर कॉरिडोर को लेकर 4 सितंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच उच्च स्तरीय वार्ता'
पाकिस्तान और भारत सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियार को लेकर अगली उच्च स्तरीय वार्ता बुधवार को करेंगे।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान और भारत सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारा को लेकर अगली उच्च स्तरीय वार्ता बुधवार को करेंगे। यह बात मीडिया की एक खबर में कही गई है। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार चार सितम्बर को यह बैठक वाघा-अटारी सीमा पर भारत की ओर आयोजित होगी। उम्मीद है कि उक्त बैठक में दोनों देश गलियारे को खोलने को लेकर मसौदा समझौते को अंतिम रूप देंगे।
प्रस्तावित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। इन श्रद्धालुओं को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव द्वारा 1522 में स्थापित करतारपुर साहिब जाने के लिए मात्र एक परमिट लेना होगा।
यह बैठक भारत और पाकिस्तान के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा करतारपुर गलियारे पर बातचीत के चार दिन बाद होगी। यह भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच उत्पन्न ताजा तनाव के बाद होने वाली ऐसी पहली बैठक है। शुक्रवार को आयोजित बैठक करीब दो घंटे चली थी जिसमें दोनों पक्षों ने प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर ‘‘अच्छी प्रगति’’ की बात कही है।
चार सितंबर की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण एशिया और दक्षेस के महानिदेशक और विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डा. मुहम्मद फैजल करेंगे। समाचारपत्र के अनुसार, ‘‘विचार-विमर्श सुबह 10 बजे शुरू होगा। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि गलियारे के माध्यम से पाकिस्तान प्रतिदिन 5,000 सिख श्रद्धालुओं को देश में आने की अनुमति देगा।’’
1947 में दोनों देशों की आजादी के बाद से यह गलियारा दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा-मुक्त गलियारा होगा। पाकिस्तान भारतीय सीमा से गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से सीमा तक के दूसरे हिस्से का निर्माण भारत द्वारा किया जाएगा। भारत जीरो प्वाइंट पर एक पुल का निर्माण कर रहा है और उसने पाकिस्तान से अपनी तरफ इसी तरह का एक पुल बनाने का आग्रह किया है जो तीर्थयात्रियों को सुरक्षित आवाजाही प्रदान करेगा और बाढ़ से संबंधित चिंताओं को दूर करेगा। यह पुल एक नाले के ऊपर है, जिसका अधिकांश हिस्सा पाकिस्तान में पड़ता है।
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। कश्मीर को लेकर भारत के कदम के बाद पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंध कमतर करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था।