लाहौर। भारत से बड़ी संख्या में सिखों ने पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन किए और इस तीर्थ स्थल में सोने की एक पालकी स्थापित की। ननकाना साहिब में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती समारोह में शामिल होने पाकिस्तान गए 1100 सिखों में ज्यादातर ने गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा की, जिसे करतारपुर साहिब के नाम से जाना जाता है। उनके साथ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के राज्यपाल चौधरी सरवर भी मौजूद थे। इन तीर्थयात्रियों ने गुरुद्वारे में अपने साथ लाई गई सोने की पालकी स्थापित की।
राज्यपाल ने कहा कि करतारपुर गलियारे को निर्धारित समय में पूरा किया गया है और इससे दोनों देश करीब आएंगे। इस बीच पाकिस्तान सरकार ने फैसला किया है कि भारतीय नागरिकों के अलावा विदेशी सिखों को करतारपुर साहिब के दर्शन कराने के लिए यात्रा संचालकों गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय देशों से आने वाले सिखों को लाहौर के लिए यात्रा वीजा जारी किया गया है।
पवित्र स्थानों पर उनके अनियंत्रित दौरे में सुरक्षा संबंधी समस्याएं हैं। इसीलिए यात्रा संचालकों को गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के लिए कहा गया है।’’ गुरु नानक की 550वीं जयंती के संबंध में भारत और अन्य देशों से सिख तीर्थयात्री ननकाना साहिब में आने लगे हैं।
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