पाकिस्तानी अधिकारी के 'हैंड शेक' का भारतीय अधिकारी ने दिया कुछ ऐसा जवाब
अंतर्राष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव के मामले पर सोमवार को सुनवाई के दौरान भारत तथा पाकिस्तान ने मजबूती से अपने पक्ष रखे।
अंतर्राष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव के मामले पर सोमवार को सुनवाई के दौरान भारत तथा पाकिस्तान ने मजबूती से अपने पक्ष रखे। नई दिल्ली ने अदालत से अपील की कि वह जाधव की मौत की सजा को तत्काल रद्द करे। जाधव पाकिस्तान में सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा का सामना कर रहे हैं। पाकिस्तान ने भारत की दलील को इस आधार पर खारिज कर दिया कि मामले को अंतर्राष्ट्रीय अदालत के दायरे में लाने का नई दिल्ली पास कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि विएना संधि के प्रावधान जासूसी, आतंकवादियों तथा जासूसी में संलिप्त लोगों से संबंधित मामलों में लागू नहीं होते। (दुनिया को तबाह करने के लिए उत्तर कोरिया ने उठाया ये कदम?)
भारत और पाकिस्तान के बीच मनमुटाव तब देखा गया जब ICJ में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के साउथ एशिया और सार्क के डीजी मोहम्मद फैसल ने भारतीय विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान डिवीजन के प्रमुख दीपक मित्तल से हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया और मित्तल ने उसने हाछ मिलाने के बजाय उन्हें नमस्कार किया। जबकि मित्तल ने वहां मौजूद पाकिस्तानी डेलीगेशन के कुछ सदस्यों से हाथ मिलाया। यहां तक की मित्तल ने पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल और पाकिस्तान सरकार के मुख्य वकील से भी हाथ मिलाया।
इस्लामाबाद को हालांकि उस समय जोरदार झटका लगा, जब उसने अंतर्राष्ट्रीय अदालत से जाधव के कबूलनामे का वीडियो चलाने की अनुमति मांगी, लेकिन अदालत ने अनुमति नहीं दी। सोमवार को हुई सुनवाई के अंत में आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम ने घोषणा की कि मामले में फैसला 'यथासंभव जल्द से जल्द' दिया जाएगा। भारत की तरफ से प्रख्यात वकील हरीश साल्वे ने पक्ष रखा और मांग की कि भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की मौत की सजा को पाकिस्तान रद्द करे और वह इस पर गौर करे कि उन्हें फांसी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उनके मामले की सुनवाई विएना संधि का उल्लंघन करते हुए 'हास्यास्पद' तरीके से की गई है।
हेग में आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम के समक्ष 90 मिनट की जिरह के दौरान तथ्यों को सामने रखते हुए साल्वे ने कहा, "मैं आईसीजे से आग्रह करता हूं कि वह सुनिश्चित करे कि जाधव को फांसी न दी जाए, पाकिस्तान इस अदालत को बताए कि (फांसी नहीं देने की) कार्रवाई की जा चुकी है और ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो जाधव मामले में भारत के आधिकारों पर प्रतिकूल असर डालता हो।"
उल्लेखनीय है कि आईसीजे ने भारत की एक याचिका पर पिछले सप्ताह जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तान के साथ किसी मुद्दे को लेकर भारत 46 वर्षो बाद अंतर्राष्ट्रीय अदालत पहुंचा है। एक साल पहले गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पिछले महीने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने कहा है कि जाधव का अपहरण किया गया और उनपर बेबुनियाद आरोप लगाए गए।