दुबई: एजेंट की धोखाधड़ी के चलते 13 साल तक यूएई में बगैर किसी वैध दस्तावेज के रहने वाले पोथुगोंडा मेदी अपने वतन भारत वापस लौट आए हैं। UAE में बिना किसी वैध दस्तावेज के निर्धारित समय से ज्यादा वक्त तक रहने के लिए जुर्माने की राशि में करीब 5 लाख दिरहम की छूट मिलने के बाद वह आखिरकार स्वदेश के लिए रवाना हो पाए थे। सोमवार को आई गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पोथुगोंडा मेदी का प्रत्यवर्तन दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास की मदद से संभव हो सका। UAE सरकार ने वीजा उल्लंघनकर्ताओं को जुर्माने में छूट देने की पहल शुरू की, जिसका लाभ मेदी को हुआ।
‘एजेंट ने दे दिया था धोखा’
मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले, पोथुगोंडा ने मिशन को बताया कि वह 2007 में विजिट वीजा पर यूएई आए थे, लेकिन उन्हें लाने वाले एजेंट ने उन्हें धोखा दे दिया था। भारतीय वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी जितेंद्र नेगी ने गल्फ न्यूज को बताया कि मेदी ने यह भी बताया था कि एजेंट ने उनका पासपोर्ट वापस नहीं किया। हालांकि, वाणिज्य दूतावास को पोथुगोंडा मेदी की तुरंत सहायता करने में मुश्किल हुई क्योंकि उनके पास यह साबित करने के लिए कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं था कि वह भारतीय नागरिक हैं। मिशन ने मेदी के परिवार का पता लगाने के लिए हैदराबाद में एक सोशल ग्रुप की मदद मांगी।
यूं अपने वतन लौटे मेदी
नेगी ने गल्फ न्यूज को बताया, ‘एक सामाजिक कार्यकर्ता की मदद के साथ, हम उनके पुराने राशन कार्ड और चुनाव पहचान पत्र की प्रतियां उनके मूल स्थान से प्राप्त करने में कामयाब रहे। उनके द्वारा दिए गए कुछ विवरण मेल नहीं खा रहे थे, लेकिन फिर भी हम यह साबित कर सके वह एक भारतीय हैं।’ निशुल्क आपातकालीन दस्तावेज और वैध पासपोर्ट के बिना भारतीयों के लिए एकतरफा यात्रा दस्तावेज के साथ वाणिज्य दूतावास ने मेदी को मुफ्त उड़ान टिकट भी मुहैया कराया और इस तरह वह 13 साल बाद यूएई से अपने वतन लौटने में कामयाब हो सके।
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