चीनी सेना के 'सबसे बड़े इलाके' में घुसा भारतीय ड्रोन? जानें, फिर क्या हुआ
चीन की सेना ने यह गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत के इस कदम से उसकी संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है...
बीजिंग: भारत और चीन के बीच के रिश्ते पिछले कुछ महीनों में मिले-जुले रहे हैं। कभी डोकलाम मुद्दे से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो जाता है तो कभी मोदी और शी हाथ मिलाकर सबकुछ ‘ठीक’ कर देते हैं। कभी निर्मला सीतारमण के अरुणाचल दौरे पर विवाद उत्पन्न होता है तो कभी कोई ऐसी खबर आती है जिससे लगता है कि दोनों देशों के रिश्ते सुधर रहे हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर एक ऐसी खबर आई है जिससे दोनों देशों के बीच हल्का-फुल्का तनाव पैदा हो सकता है। वहीं, भारत ने चीन के आरोप को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि ड्रोन तकनीकी दिक्कतों की वजह से सीमापार चला गया था और इस बारे में चीन को पहले ही जानकारी दे दी गई थी।
दरअसरल, चीन की सेना ने गुरुवार को आरोप लगाया कि एक भारतीय ड्रोन चीन के हवाई क्षेत्र में घुस गया और उसके बाद वह दुर्घटना का शिकार हो गया। उन्होंने बताया कि ड्रोन सिक्किम सेक्शन में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेस्टर्न थियेटर कमांड के ज्वाइंट स्टाफ विभाग के कॉम्बैट ब्यूरो के उप प्रमुख झैंग शुइली ने कहा, ‘एक भारतीय UAV (अन्मैन्ड एरियल वेहिकल) चीन के हवाई क्षेत्र में घुस आया, जिसके बाद वह दुर्घटना का शिकार हो गया। चीनी सीमा सुरक्षा बलों ने ड्रोन की पहचान और उसका सत्यापन किया है।’ नव निर्मित वेस्टर्न थियेटर कमांड चीन के 5 सैन्य डिवीजनों में सबसे बड़ा है। चीन की सेना के इस वेस्टर्न थिएटर कमान के अधिकार क्षेत्र में भारत के साथ लगते तिब्बत के सीमा क्षेत्र समेत 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा का भी पूरा क्षेत्र आता है।
झैंग के अनुसार, ‘भारत के इस कदम से चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है और हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। हम अपने मिशन और जिम्मेदारी को पूरा करेंगे और चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा की हर हाल में रक्षा करेंगे।’ वहीं,दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि नाथुला में मौजूद भारतीय सुरक्षा बलों ने चीनी सेना को हॉटलाइन पर इस ड्रोन विमान की तकनीकी खराबी और इसके वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार कर जाने के बारे में सूचित किया। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सीमा सुरक्षा बल कर्मियों ने मानक प्रोटोकॉल के तहत तत्काल अपने चीनी समकक्षों से सम्पर्क करके उन्हें UAV का पता लगाने के लिए कहा जिसके बाद उन्होंने उसकी स्थिति के बारे में जानकारी दी।