मॉस्को: भारत और तालिबान के बीच मॉस्को में हुई बातचीत में भारत की तरफ से अफगानिस्तान को मदद की पेशकश की गई है। इस मुलाकात की पुष्टि तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद द्वारा की गई जबकि भारत की तरफ से इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। अफगानिस्तान के प्रवक्ता ने बताया कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय तालिबान प्रतिनिधिमंडल मॉस्कों एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसी दौरान भारत की ओर से अफगानिस्तान को मदद देने की इच्छा जाहिर की गई।
दरअसल भारतीय प्रतिनिधिमंडल रूस के निमंत्रण पर मॉस्को फॉर्मेट में हिस्सा लेने गया था। मॉस्को फॉर्मेट में तालिबान भी शामिल है। विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डिवीजन के संयुक्त सचिव जेपी सिंह के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने तालिबान से बात की। यह बातचीत मॉस्को फॉर्मेट से इतर हुई। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की जानकारी दी है।
तालिबान के साथ भारत का पहला औपचारिक संपर्क 31 अगस्त को दोहा में हुआ था। हालांकि, तालिबान द्वारा पिछले महीने अंतरिम मंत्रिमंडल की घोषणा के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहला औपचारिक संपर्क था। अफगानिस्तान के प्रवक्ता मुजाहिद ने अफगानिस्तान के टोलो न्यूज को बताया कि इस मुलाकात के दौरान भारत की ओर से अफगानिस्तान को व्यापक मानवीय सहायता देने करने की इच्छा जताई गई है।
इससे पहले भी ऐसी खबर आ चुकी है कि भारत सरकार अफगानिस्तान में 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं और दवाइयों की खेप पहुंचाने के विकल्पों पर विचार कर रही है। इसके लिए कोई प्रॉपर चैनल उपलब्ध नहीं होने के चलते अफगानिस्तान के लोगों तक यह मदद नहीं पहुंच पा रही थी। लेकिन अब दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत से अफगानिस्तान की जनता तक मानवीय मदद पहुंचने का रास्ता खुल सकता है।
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