माले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत मूंगे के पत्थरों से बनी ऐतिहासिक इमारत मालदीव की प्रसिद्ध मस्जिद के संरक्षण में मदद करेगा। मालदीव की संसद ‘द पीपुल्स मजलिस’ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंध इतिहास से भी पुराने हैं।
उन्होंने कहा कि भारत, मालदीव की मस्जिद के संरक्षण में भी योगदान देगा जिसे हुकुरु मिस्की के नाम से भी जाना जाता है। मोदी ने कहा, ‘‘मूंगे से बनी ऐतिहासिक मस्जिद की जैसी मस्जिद दुनियाभर में और कहीं नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि वह खुश हैं कि मालदीव सतत विकास की दिशा में काम कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा बन गया है।
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह ने भारतीय अनुदान के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा मस्जिद की मरम्मत की पेशकश के लिए भारत का आभार जताया। एक बयान के अनुसार, उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की हालिया यात्रा और मालदीव के समकक्षों के साथ चल रहे उनके सहयोग की भी सराहना की।
वर्ष 1653 में बनी मस्जिद माले के काफू अटॉल में बनी सबसे पुरानी और सबसे खूबसूरत मस्जिद है। इस मस्जिद को समुद्र-संस्कृति वास्तुकला के बेजोड़ उदाहरण के तौर पर साल 2008 में यूनेस्को की विश्व विरासत सांस्कृतिक सूची में शामिल किया गया।
नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर शनिवार को मालदीव पहुंचे। उनकी यह यात्रा भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति को दी जा रही महत्ता को दर्शाती है। भारत और मालदीव के बीच संबंध तब बिगड़ गए थे जब पिछले साल पांच फरवरी को तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने आपातकाल लागू किया था। हालांकि, सोलेह के नेतृत्व में संबंध फिर से सामान्य हो गए।
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