इस्लामाबाद: चंद्रयान-2 मिशन की आंशिक असफलता पर पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने तंज कसा। उनके अलावा पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने भी भारत के इस मिशन का मजाक उड़ाया। लेकिन पाकिस्तान में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो स्पेस टेक्नोलॉजी में भारत का लोहा मानते हैं और उन्होंने भारत से सीख लेने की बात कही है। ऐसे ही एक शख्स हैं पाकिस्तान के वैज्ञानिक और वहां पूर्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री रहे डॉक्टर अता-उर-रहमान।
रहमान ने कहा है कि भारत का चंद्रयान-2 मिशन पाकिस्तान के लिए वेक अप कॉल है। पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज के एंकर से बातचीत के दौरान उन्होंने शनिवार को कहा कि भारत के चंद्रयान-2 मिशन को असफल नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि कई उन्नत तकनीक वाले देशों के भी इस प्रकार के मिशन असफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि सफल और असफल होना इस प्रकार के मिशन का हिस्सा है, लेकिन जो अंतिम समय तक प्रयास जारी रखता है, वह ही सफल होता है।
पाकिस्तानी वैज्ञानिक ने कहा कि जिन देशों ने भी इस प्रकार के मिशन किए हैं, उनके भी आधे मिशन सफल हुए और आधे असफल रहे हैं। रहमान ने कहा कि इस तरह के मिशन में बहुत सारा पैसा लगाना ठीक नहीं होगा, यह सही दृष्टिकोण नहीं है, क्योंकि ऐसे प्रयासों का रक्षा और उद्योगों पर भी प्रभाव पड़ता है। डॉक्टर रहमान ने कहा, ‘भारत जो कर रहा है, सही कर रहा है और हमें भी मंगल और चांद पर पहुंचने के लिए उनसे सीख लेनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि हमें चांद पर जाने की कोशिशें सिर्फ इसलिए नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम भारत की बराबरी करना चाहते हैं, बल्कि इस प्रकार के परीक्षणों से तकनीक का विकास होता है, जिससे हमारे रक्षा और उद्योग के क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी। आपको बता दें कि अपनी हरकतों के चलते चौधरी फवाद हुसैन को अपने ही देश में कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी है और पाकिस्तान के नागरिकों ने उनसे खुद उनकी उपलब्धि पर सवाल पूछना शुरू कर दिया।
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