बीजिंग: चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावाले ने डोकलाम गतिरोध के बाद चीन के साथ द्विपक्षीय रिश्ते को फिर से पटरी पर लाने की दोनों देशों की कोशिश के तहत सरकारी थिंक टैंकों के प्रभावशाली चीनी विद्वानों के साथ खुलकर चर्चा की है। दिसंबर में बंबावाले ने पदभार ग्रहण किया था और तब से वह चीन के शीर्ष मंत्रियों एवं अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं। इस सिलसिले में वह कल यहां पानगोवाल इंस्टीट्यूशन गये तथा वहां उन्होंने भारत-चीन रिश्ते की संभावना पर चीन के विद्वानों के साथ गोलमेज चर्चा की। (पाक ने कहा, अमेरिका के साथ संवाद अभी भी जारी है )
भारतीय दूतावास ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि भारतीय राजदूत ने मुख्य संबोधन दिया और भारत-चीन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर खुलकर चर्चा की। चाइनजीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज, चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्पररी इंटरनेशनल रिलेशंस, चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज जैसे मशहूर थिंकटैंकों से भारतीय अध्ययन के प्रख्यात चीनी विद्वानों एवं फूडान एवं सिचुआन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
चीन में सरकार प्रायोजित थिंकटैंक उसकी विदेश नीति को आकार प्रदान करने में अहम भूमिका निभाते हैं। पिछले साल 28 अगस्त को 73 दिन बाद डोकलाम गतिरोध दूर होने के बाद दोनों देशों ने रिश्ते सामान्य बनाने के लिए संपर्क तेज कर दिये हैं।
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