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भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की थोड़ी देर शुरू होगी बैठक, पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर होगी चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री वांग यी से जल्द ही मास्को में मुलाकात होने वाली है। क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर बातचीत करेंगे, यह पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा होगी।

India China foreign ministers to meet shortly- India TV Hindi Image Source : @DRSJAISHANKA India China foreign ministers to meet shortly

मॉस्को: विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री वांग यी से जल्द ही मास्को में मुलाकात होने वाली है। क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर बातचीत करेंगे, यह पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा होगी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन तनाव के बीच रूस में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से अलग विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी के बीच यह मुलाकात होगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिये चार दिनों के दौरे पर मास्को में हैं। भारत और चीन, दोनों ही देश एससीओ के सदस्य हैं। 

इधर दूसरी ओर भारतीय और चीनी सैन्य प्रतिनिधियों ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव को कम करने के लिए सौहार्दपूर्ण तरीके से मुलाकात की, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही। दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि फिर से विचार-विमर्श के लिए मिलेंगे।

चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने सात सितंबर को एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों को उनकी पोजिशन से विचलित करने के लिए एक उत्तेजक सैन्य प्रयास किया था और चेतावनी के तौर पर फायरिंग भी की थी। एक सूत्र ने कहा, "दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडरों के बीच आज वार्ता हुई।"

सूत्र ने आगे कहा कि भारत ने बैठक के दौरान स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर चीनी सैनिक उत्तेजक सैन्य कार्रवाई को अंजाम देंगे, तो भारतीय सैनिक जवाबी कार्रवाई करेंगे। इससे पहले दिन में यह देखा गया कि चीन ने पैंगोंग झील के उत्तर में फिंगर क्षेत्र में एक ताजा निर्माण शुरू किया।

पीएलए सैनिकों की तैनाती मंगलवार शाम से बढ़ गई है। वे अधिक सामग्री और लॉजिस्टिक आइटम भी ला रहे हैं। दोनों पक्षों के सैनिक एक दूसरे से थोड़ी ही दूरी पर हैं। एक सरकारी सूत्र ने कहा, "वे स्पष्ट दृश्यमान सीमा के भीतर हैं (एक-दूसरे को अच्छे से देख सकते हैं) और भारतीय सैनिक उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।"

मंगलवार को भी पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला के उत्तर में भारतीय सेना के ठिकानों से कुछ ही मीटर दूर तकरीबन 40 से 50 चीनी सैनिक भाले, बंदूक और धारदार हथियारों से लैस होकर पहुंचे थे। पीएलए के सैनिक भारतीय सेना को उसके ठिकानों से हटाने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहे हैं।

यह घटनाक्रम झील के दक्षिणी तट पर सात सितंबर को एक झड़प होने के तुरंत बाद शुरू हुआ है, जहां भारतीय सेना अपनी पहुंच बनाए हुए है। भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर अपनी पहुंच बना ली है और चीन ने यहां कई अन्य पोजिशन पर अपना कब्जा करने के लिए कई प्रयास किए हैं। यह नया गतिरोध बिंदु बन गया है, क्योंकि भारतीय सेना यहां एक लाभप्रद स्थिति में है।

इनपुट- IANS

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