बीजिंग: भारत और चीन की सेना दक्षिण चीन के चेंगदु में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने तथा आपसी समझ को विकसित करने के लिए संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगी। रक्षा मंत्रालय ने गुरूवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह सैन्य अभ्यास दस दिसंबर से शुरू होगा जो 14 दिन तक चलेगा।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल रेन गुओकियांग ने बताया कि भारत और चीन के सातवें संयुक्त सैन्य अभ्यास में दोनों पक्ष 100-100 सैनिकों को भेजेंगे। इस अभ्यास को हाथ में हाथ नाम दिया गया है। इसका मुख्य मकसद आतंकवाद विरोधी अभियान पर ध्यान केंद्रित करेगा।
यह अभ्यास एक साल के अंतराल पर हो रहा है क्योंकि दोनों पक्ष सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में पिछले साल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 73 दिनों तक एक दूसरे के आमने सामने डटे हुए थे। दोनों पक्षों के बीच संबंधों में हालांकि, बाद में सुधार हुआ और इसके परिणामस्वरुप इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वुहान में अनौपचारिक बातचीत हुई।
कर्नल रेन ने कहा कि दोनों पक्ष अभ्यास की तैयारी कर रहे हैं। इस अभ्यास से दोनों सेनाओं के बीच आपसी समझ बढ़ेगी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की क्षमताओं में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि 23 दिसंबर को समाप्त होने वाले इस अभ्यास में लाइव शूटिंग और ग्रहणीय तथा बुनियादी प्रशिक्षण शामिल होगा । उन्होंने कहा कि इस अभ्यास के नाम 'हाथ में हाथ', की तरह भारत और चीन की सेनाओं को दोनों देशों के लोगों के हित में भी काम करना चाहिए।
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