भारत-चीन के बीच मसूद अजहर और NSG के मुद्दे पर आज होगी वार्ता
बीजिंग: एनएसजी में शामिल होने के भारत के प्रयास और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करवाने की कोशिशों में चीन के अवरोध जैसे मुद्दों पर मतभेदों के बीच
बीजिंग: एनएसजी में शामिल होने के भारत के प्रयास और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करवाने की कोशिशों में चीन के अवरोध जैसे मुद्दों पर मतभेदों के बीच विदेश सचिव एस जयशंकर आज चीन के वरिष्ठ अधिकारियों से आपसी चिंता एवं हित के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
आज चीन के कार्यकारी विदेश उप मंत्री झांग येसुई के साथ सामारिक संवाद में शामिल होने के अलावा जयशंकर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात कर सकते हैं। सामारिक संवाद के महत्व को तवज्जो देते हुए चीन की सरकार ने इसके लिए झांग को तैनात किया है जो चीनी विदेश मंत्रालय की प्रभावशाली सीपीसी समिति के प्रमुख भी हैं। अमेरिका में चीनी राजदूत रह चुके झांग मुख्य रूप से अमेरिका एवं तावाइन से संबंधित मामलों को देखते हैं।
मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने के प्रयासों का विरोध करने तथा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह :एनएसजी: में भारत की सदस्यता पर कड़ा रूख अपनाने को लेकर चीन के रूख में किसी तरह की नरमी नहीं दिखी है। जैश-ए-मोहम्मदद के सरगना के मामले पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने पिछले हफ्ते संवाददाताओं से कहा था कि अगर अजहर के खिलाफ ठोस सबूत आता है तो चीन उसे आतंकी घोषित करने के कदम का समर्थन करेगा। चीन ने पिछले साल अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के आवेदन पर दो बार तकनीक रोक लगा दी थी।
दोनों देशों के संबंधों में तनाव लाने वाला एक मुद्दा 46 अरब डॉलर का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा :सीपेक: भी है। इस परियोजना के पीओके से गुजरने को लेकर भारत ने विरोध किया है। सीपेक राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वन बेल्ट एण्ड वन रोड परियोजना का हिस्सा है। शी ने इस साल मई में इससे जुड़े एक शिखर सम्मेलन के लिए विश्व नेताओं को आमंत्रित किया है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि बीजिंग को इसकी उत्सुकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में शामिल हों। अब तक श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे सहित 20 से अधिक नेताओं ने इसमें शामिल होने की पुष्टि की है।