इस्लामाबाद: नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने पनामागेट मामले में प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दायर करने की सिफारिश करने वाली एक जांच समिति की रिपोर्ट को कूड़ा बताते हुए खारिज कर दिया और इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। शरीफ के परिवार के कारोबारी सौदे की जांच को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बनायी गयी संयुक्त जांच टीम (JIT) ने शीर्ष अदालत में सुपुर्द अपनी रिपोर्ट में शरीफ और उनके बेटों हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ ही बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय दायित्व ब्यूरो (NAB) अध्यादेश 1999 के तहत भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है। (चीन ने कहा, PM मोदी और प्रेजिडेंट शी के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई)
शरीफ की बेटी मरियम ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) की ओर से एक ट्वीट में आरोप को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, JIT रिपोर्ट अस्वीकार्य है। हरेक विसंगति को केवल चुनौती ही नहीं दी जाएगी बल्कि उच्चतम न्यायालय में यह खारिज हो जाएगी। सरकारी खजाने का एक पैसा भी नहीं शामिल है। गौरतलब है कि बीते सोमवार नवाज शरीफ के परिवार के खिलाफ पनामागेट भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे JIT ने उच्चतम न्यायालय को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
उच्चतम न्यायालय ने 6 सदस्यीय JIT का गठन मई में किया था। दल को निर्देश दिया गया था कि वह 1990 के दशक में लंदन में संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किए गए धन के स्रोत की जानकारी उपलब्ध करवाने में शरीफ परिवार के कथित तौर पर विफल रहने की जांच करे। रिपोर्ट में प्रधानमंत्री शरीफ, उनके भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ, उनके बच्चों हुसैन, हसन और मरियम शरीफ, दामाद सेवानिवृा कैप्टन मोहम्मद सफदार के बयानों के अलावा अन्य सबूत भी होंगे।
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