ताशकंद। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी और शांति प्रक्रिया को लेकर उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हो रही बैठक के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से जब यह पूछा गया कि क्या बातचीत और आतंकवाद एक साथ चल सकते हैं तो इसके जवाब में इमरान खान ने बेतुका जवाब दिया। इमरान खान ने कहा कि भारत के साथ पाकिस्तान बातचीत करना चाहता है लेकिन आरएसएस की विचारधारा बीच में आ रही है। पत्रकार ने जब इमरान खान से पूछा कि क्या तालिबान पर पाकिस्तान का कंट्रोल नहीं है तो इमरान खान ने इस सवाल पर चुप्पी साध ली।
इससे पहले अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से आतंकवाद में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए अफगान राष्ट्रपति अशरफ घनी ने शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने ही पाकिस्तान को लताड़ा है। उज्बेकिस्तान के ताशकंद में अफगान शांतिवार्ता को लेकर एक अहम बैठक हो रही थी और उसी बैठक में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान, अफगान मामले पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जाल्मई खलीलजाद समेत कई मध्य एशियाई देशों के शीर्ष नेता शामिल हैं और भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर बैठक मे पंहुचे हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा है कि पाकिस्तान तालिबानी आतंकवादियों को अफगान सीमा में घुसने से रोक नहीं रहा है और साथ में पाकिस्तान तालिबान को सफल शांतिपूर्ण वार्ता के लिए भी नहीं मना सका है। अशरफ घनी ने पाकिस्तान को दो टूक कह दिया कि या तो वह अफगान शांतिवार्ता में रचनात्मक भूमिका निभाए या फिर अफगानिस्तान की सेना अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद वहां पर कई इलाकों में तालिबान का राज स्थापित होने लगा है, कई जगहों पर आतंकी हमले भी हो रहे हैं। कंधार में आतंकवादियों ने एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी है। तालिबान के साथ शांतिवार्ता भी साथ साथ हो रही है लेकिन साथ में आतंकी हमले भी बढ़ने लगे हैं।
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