शपथ ग्रहण समारोह में PM मोदी और अन्य नेताओं की उपस्थिति चाहती है इमरान की पार्टी PTI, विदेश कार्यालय से पूछा
इमरान की पार्टी ने विदेश कार्यालय से पूछा है कि बेहद कम समय को देखते हुए क्या मोदी सहित कई अन्य विदेशी गणमान्य हस्तियों को शपथ-ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जा सकता है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के संसदीय चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के एक शीर्ष नेता ने आज कहा कि पार्टी ने विदेश कार्यालय से पूछा है कि क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को इमरान खान के शपथ-ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जा सकता है। इमरान (65) की अगुवाई वाली पीटीआई, इस महीने की 25 तारीख को नेशनल असेंबली के लिए हुए चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है और वह अपनी सहयोगी पार्टियों और निर्दलीय सांसदों के समर्थन से सरकार का गठन कर सकती है।
पीटीआई प्रमुख ने सोमवार को कहा था कि वह 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। पीटीआई के प्रवक्ता फवाद चौधरी के हवाले से द डॉन की खबरों में कहा गया है कि पार्टी ने विदेश कार्यालय से पूछा है कि बेहद कम समय को देखते हुए क्या मोदी सहित कई अन्य विदेशी गणमान्य हस्तियों को शपथ-ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जा सकता है। चौधरी ने कहा कि पार्टी विदेश कार्यालय के जवाब का इंतजार कर रही है।
मोदी ने सोमवार को इमरान खान को फोन करके आम चुनावों में उनकी पार्टी की जीत की बधाई दी थी और उम्मीद जताई थी कि पाकिस्तान और भारत द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने के लिए काम करेंगे। इमरान ने शुभकामनाएं देने के लिए मोदी का शुक्रिया अदा किया और इस बात पर जोर दिया कि बातचीत के जरिए विवाद सुलझाए जाने चाहिए।
उच्चतम न्यायालय के बाहर मीडिया से बातचीत में चौधरी ने कहा कि बॉलीवुड स्टार आमिर खान, क्रिकेटर कपिल देव और सुनील गावस्कर जैसी हस्तियों को पार्टी की ओर से शपथ-ग्रहण समारोह में बुलाया गया है। चौधरी शीर्ष न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार से मिलने गए थे।
मई 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तो उस वक्त उन्होंने तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था और शरीफ नई दिल्ली गए भी थे। इसके बाद, दिसंबर 2015 में मोदी शरीफ के जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने के लिए अचानक कुछ देर के लिए लाहौर पहुंचे थे।
हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं और कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो रही।