कश्मीर पर इमरान के ताजा बयान से पाकिस्तान की सियासत में उबाल
कश्मीर को लेकर दिए गए अपने ताजा बयान के चलते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं।
इस्लामाबाद: कश्मीर को लेकर दिए गए अपने ताजा बयान के चलते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान के विपक्षी नेता शहबाज शरीफ ने शनिवार को खान की उस टिप्पणी को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद यह निर्णय कश्मीर के लोगों पर छोड़ेगा कि वे पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं या एक ‘स्वतंत्र देश’ चाहते हैं। शरीफ ने कहा कि खान संयुक्त राष्ट्र के जनमत संग्रह संबंधी आदेश की जगह दूसरे जनमत संग्रह का प्रस्ताव कर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की ‘ऐतिहासिक और संवैधानिक स्थिति’ से हट रहे हैं।
इमरान ने कही थी जनमत संग्रह की बात
खान ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तरार खाल और कोटली नगरों में रविवार को होने जा रहे चुनाव से पहले शुक्रवार को 2 चुनाव रैलियों में कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के जनमत संग्रह संबंधी आदेश से इतर उनकी सरकार इस बारे में ‘कश्मीर के लोगों को विकल्प देने के लिए एक और जनमत संग्रह कराएगी कि वे पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं या एक स्वतंत्र देश चाहते हैं।’ खान ने रैलियों के दौरान विपक्ष के इन आरोपों को खारिज किया कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को एक प्रांत में तब्दील करना चाहते हैं और कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह विचार कहां से आया।
भारत का स्टैंड साफ, कश्मीर अभिन्न अंग
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी पीएमएल-एन नेता मरयम नवाज की उस टिप्पणी के बाद की जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इमरान खान की सरकार ने PoK का दर्जा बदलकर उसे प्रांत में तब्दील करने का फैसला किया है। भारत हमेशा कहता रहा है कि जम्मू कश्मीर उसका अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। नई दिल्ली इस्लामाबाद को यह कहती रही है कि जम्मू कश्मीर का मामला उसका आतंरिक मामला है और वह अपने मुद्दों का समाधान करने में खुद सक्षम है।
फजलुर रहमान ने भी साधा निशाना
PML-N अध्यक्ष शरीफ ने एक बयान जारी कर खान की टिप्पणियों की निंदा की तथा कहा कि वह एक और जनमत संग्रह का प्रस्ताव कर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की ‘ऐतिहासिक और संवैधानिक स्थिति’ से हट रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों की सहमति और उनसे विमर्श के बिना उनपर समाधान थोपना भारत की मदद करने जैसा है। वहीं, जमीयत उलमा ए इस्लाम फज्ल के मौलाना फजलुर रहमान ने भी PoK में एक चुनाव रैली में खान की टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि इससे साबित हो गया है कि मौजूदा सरकार ‘कश्मीर पर एकतरफा रियायत’ की पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की नीति पर चल रही है। PoK में चुनाव प्रचार की अंतमि तारीख 25 जुलाई है।