इमरान की मजबूरी आई सामने, कोरोना के कहर के बावजूद पाकिस्तान में नहीं हो सकता लॉकडाउन
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी उस मजबूरी के बारे में बताया जिसके चलते वे चाह कर भी पूरा पाकिस्तान लॉकडाउन नहीं कर सकते।
कोरोना वायरस इस समय दुनिया के 150 से अधिक देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। लेकिन इस वायरस से सबसे ज्यादा परेशान वे गरीब देश हैं, जिनके पास संसाधनों का अभाव है। ऐसा ही देश हमारा पड़ौसी पाकिस्तान है। यहां कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पूरा पाकिस्तान लॉकडाउन किया जा रहा है। सेना बुला ली गई है। लेकिन इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी उस मजबूरी के बारे में बताया जिसके चलते वे चाह कर भी पूरा पाकिस्तान लॉकडाउन नहीं कर सकते।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि कोरोना वायरस के चलते पूरे देश को लॉकडाउन करना पाकिस्तान के लिए फिलहाल संभव नहीं है। इसका कारण बताते हुए इमरान खान ने कहा कि देश एक चौथाई आबादी गरीबी रेखा से नीचे है और दैनिक मजदूरी पर निर्भर है। इमरान ने कहा कि लॉक डाउन का मतलब है कि लोगों को घरों के भीतर रखा जाए। लेकिन दैनिक मजदूरों की तादाद को देखते हुए हम जमीनी सच्चाई के आधार पर कदम उठा रहे हैं। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए हम लोगों से दूसरी बनाने, सेल्फ आइसोलेशन और सेल्फ क्वारेंटीन करने की गुजारिश कर रहे हैं।
कोरोना वायरस से बेबस हुआ पाकिस्तान, बुलानी पड़ी सेना
कोरोना वायरस की वजह से बेबस हो चुके पाकिस्तान में अब वहां की सेना को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मोर्चे पर लगा दिया गया है। खबर लिखे जाने तक कोविड-19 के नए मामलों की जानकारी देने वाली वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के अनुसार, पाकिस्तान में 776 कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं और ये संख्या तेजी से बढ़ रही है, जबकि पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 5 हो गई है।
750 से ज्यादा पॉजिटिव केस
पाकिस्तान में कोरोना के अभी 758 एक्टिव केस आ चुके हैं जबकि 13 लोग ठीक हो चुके हैं। पूरे पाकिस्तान में लॉकडाउन घोषित कर दिया है। पाकिस्तानी सेना के आधिकारिक प्रवक्ता के ट्विटर हैंडल में कहा गया है कि 'पाकिस्तान में सेना और देश भर में चिकित्सा संसाधनों से जुड़े सभी उपलब्ध सैनिकों को आवश्यक सूचना पर नागरिक प्रशासन के साथ कोरोना वायरस से जुड़ी गतिविधियों की सहायता के लिए तैयार रहने का काम सौंपा गया है।'