मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहमद ने कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ दिए अपने बयान पर कहा ''मैंने जो कुछ भी कहा था उसके लिए मैं माफी नहीं मांगता, हालांकि मैं माफी मांगता हूं कि इससे भारत ने हमारे पाम तेल निर्यात को प्रभावित किया। उन्होनें कहा मुझे पता नहीं है कि इस तरह बोलने के लिए इतनी ऊंची कीमत चुकानी होगी।
पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मसले पर मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के भारत विरोधी बयान के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है। भारत सरकार ने इससे पहले 9 सितंबर 2019 को मलेशिया से रिफाइंड पाम तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना जारी कर कहा था, एग्जिम कोड 15119010 और 15119020 के तहत आने वाले कमोडिटी क्रमश: रिफाइंड ब्लीच्ड ड्येडराइज्ड पाम ऑयल और रिफाइंड ब्लीच्ड ड्येडराइज्ड पामोलीन के आयात को प्रतिबंद्धित श्रेणी में कर दिया गया है।
ऐसा समझा जाता है कि भारत सरकार के इस फैसले से मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच पाम तेल की कीमतों को लेकर जंग छिड़ेगी क्योंकि भारत पाम तेल का एक बड़ा आयातक देश है। लेकिन भारतीय कारोबारी मानते हैं कि मलेशिया से रिफाइंड तेल आयात रुक जाने पर क्रूड पाम का आयात बढ़ेगा जिससे घरेलू उद्योग को काम मिलने के कारण उसे फायदा होगा।
उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल के आयात का अनुपात 70:30 का है, मतलब इंडोनेशिया से भारत 70 फीसदी पाम तेल आयात करता है तो मलेशिया से 30 फीसदी। चतुवेर्दी ने बताया कि सरकार के इस फैसले के बाद पामोलीन के आयात में करीब एक सवा लाख टन की कमी आएगी तो सीपीओ का आयात एक-सवा लाख टन बढ़ जाएगा।
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