इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट में सुन्नी चरमपंथियों ने अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय की एक ऐतिहासिक मस्जिद को गिरा दिया। मुस्लिम-बहुल देश में इस अल्पसंख्यक समूह पर हमले की यह ताजा घटना है। पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के कार्यकाल के दौरान 1974 में एक संवैधानिक संशोधन के जरिए पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सियालकोट में भीड़ ने मस्जिद पर बुधवार की रात हमला किया।
स्थानीय निगम प्रशासन की ओर से अहमदिया संप्रदाय को मानने वाले एक शख्स की निजी संपत्ति गिराने की शुरुआत करने के बाद करीब 600 उपद्रवियों ने पास में बनी एक मस्जिद गिरा दी। अहमदिया संप्रदाय के प्रवक्ता सलीमुद्दीन ने एक बयान में कहा कि भीड़ ने रात करीब 11 बजे हमला किया और यह तड़के 3 बजे तक जारी रहा। उन्होंने कहा,‘भीड़ ने सियालकोट में जिस इबादतगाह और घर को गिराया है वह पूरी दुनिया में अहमदिया समुदाय के लोगों के लिए ऐतिहासिक महत्व का था।’
सलीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि पुलिस मस्जिद गिराते वक्त तमाशबीन बनी रही और हमलावरों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। आपको बता दें कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अलावा अहमदिया मुस्लिमों के खिलाफ भी ज्यादती की खबरें अक्सर आती रहती हैं।
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