ढाका: बांग्लादेश में पिछले दिनों हिंदुओं को निशाना बनाकर कई हमलों को अंजाम दिया गया था। देश के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दुर्गा पूजा के दौरान कई विचलित करने वाली खबरें सामने आई थीं। ऐसा भी नहीं है कि हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेश में पहली बार इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। हिंदुओं के साथ भेदभाव और उनपर अत्याचार की खबरें वहां से आती रहती हैं, हालांकि निश्चित तौर पर उनकी संख्या पाकिस्तान के मुकाबले कम होती है।
'हिंदुओं ने गंवाई अपनी लाखों एकड़ जमीन'
बांग्लादेश के मशहूर अर्थशास्त्री व ढाका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अबुल बरकत के शोध के मुताबिक, एनिमी प्रापर्टी ऐक्ट या वेस्टेड प्रापर्टी ऐक्ट की वजह से बांग्लादेश में 1965 से 2006 के दौरान हिंदुओं ने लगभग 26 लाख एकड़ जमीन से अपना मालिकाना हक खो दिया है। बरकत के ही रिसर्च में यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश में अपने खिलाफ हो रहे अत्याचारों के चलते बीते कुछ दशकों में लाखों हिंदुओं ने मुल्क छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय बौद्धों को भी अपनी जमीनों से हाथ धोना पड़ा है।
’30 सालों में बांग्लादेश में एक भी हिंदू नहीं होगा’
प्रोफेसर अबुल बरकत ने अपनी रिसर्च में कहा था कि 1964 से 2013 के बीच लगभग 1.13 करोड़ हिंदुओं ने बांग्लादेश छोड़ दिया और दूसरे देशों में जाकर बस गए। उन्होंने कहा कि देखा जाए तो इस अवधि में रोजाना 632 और सालाना 2,30,612 हिंदुओं ने देश छोड़ा। अपने 30 साल लंबे शोध में बरकत ने पाया था कि अधिकांश हिंदू आजादी के बाद सैन्य शासन के दौरान देश छोड़कर गए थे। अपनी रिसर्च में उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो अगले 30 सालों में बांग्लादेश में एक भी हिंदू नहीं बचेगा।
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