ढाका: म्यांमार में हिंसा के कारण रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हिंदू लोग भी बांग्लादेश में शरण के लिए पहुंच रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि हजारों रोहिंग्या मुसलमानों के साथ करीब 500 हिंदू बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में पहुंचे हैं। संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों का अनुमान है कि पिछले 10 दिनों की हिंसा में करीब 90,000 लोग म्यांमार से बांग्लादेश पहुंचे हैं। एक बांग्लादेशी अधिकारी ने बताया, ‘म्यांमार के राखिन प्रांत के 414 हिंदू परिवार कॉक्स बाजार में शरण के लिए पहुंचे हैं।’
बहरहाल, हिंदू-बुद्धिस्ट-क्रिश्चन यूनिटी काउंसिल के अध्यक्ष राणा दासगुप्ता ने कहा कि बांग्लादेश में शरण मांगने के लिए पहुंचे हिंदुओं की संख्या 510 है। दासगुप्ता ने कहा कि आम रोहिंग्या मुसलमानों ने इन हिंदुओं को सीमा तक पहुंचाया जहां से वे बांग्लादेश की सीमा में दाखिल हुए। उन्होंने कहा, ‘म्यांमार में हिंदुओं पर हमले की जांच होनी चाहिए और गुनहगारों को न्याय के जद में लाया जाना चाहिए।’ वहीं, बांग्लादेश के सुरक्षा बलों ने म्यांमा से भागकर यहां के एक द्वीप पर पहुंचे 2,000 से अधिक शरणार्थियों को बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया है।
ये शरणार्थी बांग्लादेश के सेंट मार्टिन द्वीप पर पहुंचे थे। अधिकारियों ने कहा कि इस द्वीप पर रहने वाले करीब 9,000 निवासियों ने 2,000 रोहिंग्या शरणार्थियों को छिपा रखा था, लेकिन इनको बाहर निकालने के आदेश दिया गया। स्थानीय परिषद के प्रमुख नूर अहमद ने कहा कि मस्जिदों के लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करके द्वीप के निवासियों से कहा गया कि वे तटरक्षकों के पहुंचने के बाद रोहिंग्या लोगों को सौंप दें।
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