और दो महीने तक चलेगी शरीफ परिवार के खिलाफ सुनवाई
पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने पनामा पेपर कांड में बर्खास्त प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई पूरी करने के लिए भ्रष्टाचार-रोधी अदालत को दी गई समयसीमा में आज दो महीने का विस्तार दे दिया।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने पनामा पेपर कांड में बर्खास्त प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई पूरी करने के लिए भ्रष्टाचार-रोधी अदालत को दी गई समयसीमा में आज दो महीने का विस्तार दे दिया। पनामा पेपर मामले में, 28 जुलाई 2017 के अपने आदेश में शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को शरीफ परिवार के खिलाफ अपनी कार्यवाही पूरी करने के लिए छह महीने का वक्त दिया था। शीर्ष अदालत के आदेश पर कार्रवाई करते हुए एनएबी ने शुरू में शरीफ परिवार के सदस्यों और पूर्व वित्त मंत्री इसहाक डार के खिलाफ चार मामले दायर किए थे। आठ सितंबर को 68 वर्षीय शरीफ और उनके परिवार तथा डार के खिलाफ तीन मामले दायर किए गए थे। (कैंडी में तत्काल प्रभाव से फिर लगा कफ्यू, इंटरनेट पर पाबंदी )
सर्वोच्च अदालत ने डार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए निचली अदालत को दिए गए समय में तीन महीने का विस्तार दे दिया है। आरोपी के खिलाफ सुनवाई 14 सितंबर 2017 को शुरू हुई थी और समयसीमा 13 मार्च को खत्म हो रही थी। यह स्पष्ट है कि इस्लामाबाद में स्थित जवाबदेही अदालत वक्त पर कार्यवाही पूरी नहीं कर पाएगी। एनएबी के महा अभियोजक ने सर्वोच्च अदालत की तीन सदस्य पीठ से समयसीमा को आगे बढ़ाने की गुहार लगाई थी। पीठ की अध्यक्षता न्यायमूर्ति एजाज़ अफज़ल कर रहे हैं जबकि न्यायमूर्ति शेख अज़मत सईद और न्यायमूर्ति एजाज़-उल-अहसन इसके सदस्य हैं। एनबीए की दलीलें सुनने के बाद, न्यायाधीशों ने नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मामलों की सुनवाई को पूरा करने के लिए दो महीने का विस्तार दिया है जबकि डार के खिलाफ चल रहे मामले में तीन महीने की बढ़ोतरी की है।
शरीफ परिवार के खिलाफ दायर तीन मामलों में, नवाज शरीफ के अलावा उनकी बेटी मरयम, दामाद मोहम्मद सफदर और शरीफ के दोनों बेटे हसन और हुसैन आरोपी हैं। इसबीच, शरीफ और मरयम तथा सफदर आज इस्लामाबाद में जवाबदेही अदालत में पेश हुए जो उनके खिलाफ तीन मामलों की सुनवाई कर रहा है। शरीफ को बाद में अदालत से जाने की इजाजत दे दी गई, क्योंकि उनके वकील ने न्यायाधीश मोहम्मद बशीर को सूचित किया कि पूर्व प्रधानमंत्री की तबीयत ठीक नहीं है।