इस्लामाबाद: करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का शामिल नहीं होना समारोह के दौरान चर्चा में बना रहा। गलियारे का उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया। इस दौरान दुनिया भर से आए सिख श्रद्धालु व गणमान्य लोग मौजूद रहे। पाकिस्तान के समाचार पत्र 'द न्यूज' की रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल बाजवा समारोह में नहीं पहुंचे। इसे लेकर लोगों के बीच चर्चा बनी रही। पाकिस्तान के महत्वपूर्ण लोगों के अलावा श्रद्धालु भी उनके बारे में पूछते देखे गए जिनका कहना था कि वे बाजवा के साथ सेल्फी लेना चाहते थे। लोग लगातार पूछ रहे थे कि 'जनरल बाजवा कब आएंगे।'
इससे पहले जनरल बाजवा ने करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखे जाने के समारोह में प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ पूरे उत्साह से हिस्सा लिया था। उस वक्त कहा गया था कि यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि पाकिस्तान की नागरिक सरकार और सत्ता के बीच इस मामले में पूरा तालमेल है।
लेकिन, गलियारे के उद्घाटन से ठीक पहले सरकार और सेना के मतभेद उस वक्त सामने आए जब सेना ने कहा कि करतारपुर आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट अनिवार्य होगा जबकि इसके पहले इमरान ने कहा था कि श्रद्धालु बिना पासपोर्ट के आ सकेंगे। सेना के प्रवक्ता के बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सफाई दी कि श्रद्धालु गलियारे के उद्घाटन के अवसर पर बिना पासपोर्ट आ सकेंगे।
हालांकि, इस सबके बाद भारत ने साफ कर दिया कि करतारपुर यात्रा के लिए दोनों देशों के बीच हुए करार में जिन दस्तावेजों को श्रद्धालुओं के पास होना अनिवार्य किया गया है, उनकी अनिवार्यता बनी रहेगी। पाकिस्तान एकतरफा तरीके से करार में बदलाव नहीं कर सकता।
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