नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में 37 जवान शहीद हो गए हैं। इस हमले के बाद जहां सरकार एक्शन में है वहीं पूरे देश में इस हमले को लेकर जबरदस्त गुस्सा है। वहीं पाकिस्तान के कई अखबारों की हेडलाइन पढ़ें तो उसकी नीयत का अंदाजा लग जाता है। पाकिस्तान के तमाम अखबारों ने पुलवामा आतंकी हमले पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के अखबार, द नेशन की हेडलाइन है, "आज़ादी के लड़ाकों ने हमला बोला, भारत अधिकृत कश्मीर में 44 सैनिकों की मौत।"
पाकिस्तान ऑब्जर्बर ने हेडलाइन लगाई है, भारत अधिकृत कश्मीर में हुए विस्फोट में 44 भारतीय सैनिकों की मौत, दर्जनों घायल। इसी के साथ अखबार में लिखा गया है कि, पिछले दो सालों में भारतीय सुरक्षाबलों पर ये सबसे घातक हमला है। धमाका इतना तेज था कि इसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। द डॉन अखबार ने हेडलाइन लगाई है, कश्मीर हमले में 44 भारतीय सैनिकों की मौत। द ट्रिब्यून ने हेडिंग लगाई है कि कश्मीर में 44 भारतीय सैनिकों की सुसाइड अटैक में मौत।
पुलवामा में आतंकी हमले पर खुश है पाकिस्तानी मीडिया, आतंकियों को बताया आज़ादी के लड़ाके
गौरतलब है कि पुलवामा में जवानों पर ऐसा हमला किया गया था कि उन्हें बचने का मौका तक नहीं मिला। 200 किलो विस्फोटक के फटने के बाद कोई 10 किलोमीटर तक का इलाका गूंज उठा था। गुरुवार दोपहर बाद 3:30 बजे का वक्त हो रहा था और श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षाबलों की 78 गाड़ियों का काफिला गुजर रहा था।
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काफिले में ढाई हजार से ज्यादा जवान सवार थे लेकिन जैसे ही पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में काफिला पहुंचा आतंकियों ने विस्फोटक से भरी गाड़ी से काफिले की एक गाड़ी हमला कर दिया। पीएम ने कहा है बलिदान बेकार नहीं जाएगा, भारत की संप्रभुता को आंख दिखाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादी हमला ‘गंभीर चिंता का विषय’ है। पाकिस्तान ने कहा, ‘हम बिना किसी जांच के हमले का संबंध पाकिस्तान से जोड़ने के भारतीय मीडिया और सरकार के किसी भी आरोप को खारिज करते हैं।’ बता दें कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है जिसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में छिपा बैठा है।
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