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Hindi News विदेश एशिया म्यांमा में प्रदर्शनकारियों पर चलाई गई गोलियां, 4 लोगों की मौत: स्थानीय मीडिया

म्यांमा में प्रदर्शनकारियों पर चलाई गई गोलियां, 4 लोगों की मौत: स्थानीय मीडिया

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बुधवार को विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सेना ने गोलीबारी की है और उस गोलीबारी में 4 लोगों की जान चली गई है

<p>Four shot dead at Myanmar protest says local media</p>- India TV Hindi Image Source : AP Four shot dead at Myanmar protest says local media

यांगून। म्यांमा में सेना के तख्तापलट के खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है वहां की सेना भी विरोध को कुचलने के लिए बेरहम होती नजर आ रही, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बुधवार को विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सेना ने गोलीबारी की है और उस गोलीबारी में 4 लोगों की जान चली गई है। यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहे हैं, जब देश के राजनीतिक संकट पर चर्चा करने के लिए दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्री बैठक करने को तैयार हैं। म्यांमा में हिंसा के कारण बिगड़ती स्थिति के बीच ‘दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन’ की एक विशेष बैठक प्रस्तावित है। 

देश में नए सैन्य शासन ने सप्ताहांत में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का इस्तेमाल बढ़ा दिया था और एक फरवरी को तख्तापलट होने के बाद सू ची की निर्वाचित सरकार को फिर से बहाल किये जाने की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन को कुचलने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। मंगलवरा को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा था कि इस बात की ‘‘पुख्ता जानकारी’’ है कि म्यांमा में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर रविवार को हुई कार्रवाई में कम से कम 18 लोग मारे गए है और 30 से अधिक घायल हुए है। 

स्वतंत्र गैर-लाभकारी संगठन ‘असिस्टेंस असोसीएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिज़नर’ के अनुसार, अधिकारियों ने सप्ताहांत में एक हजार से अधिक लोगों हिरासम में भी लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों में एसोसिएटेड प्रेस के थीन ज़ॉ सहित कम से कम सात पत्रकार भी शामिल हैं। म्यांमा में तख्तापलट के बाद से कम से कम 20 से अधिक पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है। यांगून के हलेडन इलाके में मंगलवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्रित किए, जहां पहले पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे। 

सेना का कहना है कि आंग सान सू ची की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह था कि वह कथित व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही।

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