इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने शुक्रवार को ऑल इंडिया मुस्लिम लीग (APML) के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना यह इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन पर 25 जुलाई को प्रस्तावित चुनावों को लड़ने से रोक लगाने के बाद दिया। 74 वर्षीय मुशर्रफ ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग को APML के प्रमुख के रूप में इस्तीफा भेजा। इसके साथ ही माना जा रहा है कि पाकिस्तान की राजनीति में परवेज मुशर्रफ के लिए सारे रास्ते बंद हो चुके हैं।
मुशर्रफ ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने दुबई में मौजूद पूर्व तानाशाह के अदालत के सामने पेश होने में नाकाम रहने के बाद मुशर्रफ को नामांकन पत्र सौंपने की अनुमति की अंतरिम राहत वापस ले ली थी। चीफ जस्टिस से कई बार आश्वासन मिलने के बाद भी मुशर्रफ अदालत के सामने पेश नहीं हुए थे जिसके कारण उनका सशर्त नामांकन रद्द कर दिया गया था। पार्टी के महासचिव रहे मुहम्मद अमजद को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है। अब वह पार्टी के सभी मामलों के प्रभारी होंगे और 25 जुलाई को प्रस्तावित आम चुनावों में APML की भूमिका पर फैसला करेंगे।
इससे पहले मुशर्रफ ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘अदालत में मेरी पेशी से पहले मुझे गिरफ्तार करने पर रोक के शीर्ष अदालत के फैसले ने लौटने की मेरी योजना पर दोबारा सोचने को मजबूर कर दिया है। यदि मुझे अदालत में पेशी के बाद गिरफ्तार कर लिया जाता है तो मेरी वापसी का देश को कोई फायदा नहीं होगा। पूरी दुनिया जानती है कि मैं कायर नहीं हूं , लेकिन अब मैं वापसी के लिए उचित समय का इंतजार करूंगा।’
वहीं, चीफ जस्टिस साकिब निसार ने कहा था, ‘यदि परवेज मुशर्रफ कमांडो हैं तो उन्हें देश लौटकर यह दिखाना चाहिए, बजाय नेताओं की तरह यह बहानेबाजी कर कि वह लौटेंगे। मुशर्रफ को सुरक्षा की जरूरत क्यों है, कोई कमांडो भयभीत कैसे हो सकता है? मुशर्रफ ने कहा है कि उन्होंने कई बार मौत को चकमा दिया है और वह कभी नहीं डरे। उन्हें तब भी डर नहीं लगा जब उन्होंने देश पर कब्जा किया था।’
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