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Hindi News विदेश एशिया पूर्व चीनी राजदूत ने भारत को धमकाया कहा, पीछे हटो, युद्ध करो या मरो

पूर्व चीनी राजदूत ने भारत को धमकाया कहा, पीछे हटो, युद्ध करो या मरो

छले लंबे समय से भारत और चीन के बीच चलने वाली तनातनी के चलते बुधवार को एक बार फिर चीनी मीडिया को धमकी दी है। चीनी मीडिया से बातचीत करते हुए चीन के पूर्व राजनयिक ने कहा है कि...

Former Chinese ambassador threatened India move back fight...- India TV Hindi Former Chinese ambassador threatened India move back fight or die

पिछले लंबे समय से भारत और चीन के बीच चलने वाली तनातनी के चलते बुधवार को एक बार फिर चीनी मीडिया को धमकी दी है। चीनी मीडिया से बातचीत करते हुए चीन के पूर्व राजनयिक ने कहा है कि भारत के पास केवल तीन विकल्प हैं, या तो वह पीछे हट जाएं, चीन हमला कर भारत को बंदी बना लेगा, या फिर चीन उन्हें मौत के घाट उतार देगा। चीनी राजनयिक के इस बयान से चीन की मंशा साफ स्पष्ट हो रही है। पिछले दिनों चीन की सरकार ने कहा था कि जब तक भारत पीछे नहीं हटता, चीन तबतक इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करेगा। चीन ने भारत का नाम लिए बगैर कहा कि, जब लोग वर्दी में  लीमा पार करके किसी दूसरे देश के अंदर घुस जाते हैं तो वह अपने आप दुश्मन बन जाते हैं। इस तरह की हरकत करने वाले देश को इन तीनों ही परिणामों के लिए तैयार रहना चाहिए। चीनी राजनयिक ने आगे कहा कि  भारतीय सैनिकों को हम बाहर धकेल देंगे या उन्हें बंदी बना लेंगे। अगर सीमा पर विवाद बढ़ता है तो उन्हें मार गिराया जाएगा। भारतीय सैनिकों के लिए केवल यहीं तीन संभावनाएं हैं। गौरतलब है कि चीन ने हाल ही में तिब्बत में अपना सैन्य अभ्यास किया। (अमेरिका: फिलहाल नहीं लगेगा करीबी रिश्तेदारों पर यात्रा प्रतिबंध)

डोकलाम पठार पर भारतीय सैनिकों के साथ चीनी सेना के टकराव के बीच चीन ने दसों हजार टन हथियार के साथ अपनी सेना के ट्रकों को तिब्बत सीमा के लिए रवाना कर दिया है। रिपोर्ट की माने तो चीन यह सब भारत पर डोकलाम सीमा विवाद को लेकर दबाव बनाने के लिए कर रहा है। बता दें कि चीन ने यहां काफी बड़ा रेल और रोड नेटवर्क बिछा रखा है। लहासा से लेकर याडोंग तक फैले इस एक्सप्रेस वे के कारण, चीनी सेना 700 किमी का सफर महज 6 से 7 घंटे में तय कर सकती है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने चीनी सेना के मुखपत्र पीएलए डेली के हवाले से लिखा है, 'अशांत तिब्बत और शिनजियांग प्रांत में पश्चिमी थिएटर कमांड ने उत्तरी तिब्बत में कुनलुन पर्वतों के दक्षिण में सैन्य साजोसामान भेजे हैं।' हालांकि पीएलए डेली ने यह कहीं नहीं बताया है कि साजोसामान की यह तैनाती उसके दो सैन्य अभ्यासों के लिए है।

वहीं मंगलवार को विदेश सचिव एस.जयशंकर ने विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति से कहा कि चीन ने असामान्य रूप से आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है, लेकिन भारत डोकलाम में सैन्य गतिरोध का शांतिपूर्वक और कूटनीतिक रूप से समाधान करने का प्रयास कर रहा है। जयशंकर ने सिक्किम सेक्टर में चीन के साथ लगी सीमा पर हालात से सांसदों को अवगत कराया। उन्होंने ने इसी तरह पिछले सप्ताह राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को दो बार अवगत कराया था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति से उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि चीन को अंदेशा नहीं था कि भारत अपनी रक्षा में इतना आक्रामक रुख अख्तियार करेगा। चीन के लिए कदम पीछे खींचना उतना आसान फैसला नहीं होगा। बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे, जिन्होंने कुछ सवाल भी उठाए।

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