FATF की 'ग्रे लिस्ट' में ही बना रहेगा पाकिस्तान, तुर्की समेत 3 देश भी सूची में रखे गए
पाकिस्तान अप्रैल 2022 में होने वाली बैठक तक ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा क्योंकि वह आतंकी फंडिंग को रोकने में विफल रहा है। एफएटीएफ की यह बैठक डॉ. मार्कस प्लेयर की जर्मन प्रेसीडेंसी के तहत हुई।
इस्लामाबाद: पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force, FATF) की 3 दिवसीय बैठक में पाकिस्तान को एक बार फिर ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया गया। बैठक से पहले सभी की नजरें इस बात पर थीं कि आतंकवाद को बढ़ावा देने के मामले में पाकिस्तान को 'ब्लैक लिस्ट' किया जाएगा या पहले की तरह 'ग्रे लिस्ट' में ही बना रहेगा। वहीं एफएटीएफ की नई सूची में पाकिस्तान के करीबी तुर्की सहित 3 देशों का नाम शामिल किया गया है। एफएटीएफ की सूची में जॉर्डन, माली और तुर्की को शामिल किया गया है। ये सभी एफएटीएफ के साथ एक कार्य योजना पर सहमत हुए हैं।
बता दें कि, पाकिस्तान 2018 से FATF की उस ग्रे लिस्ट में है जहां किसी भी देश के आर्थिक तंत्र को टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले पर आकलन के बाद अपने सुधार का रिपोर्ट कार्ड दिखाना होता है. ऐसा न करने पर उसके लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र से सुविधाएं हासिल करना मुश्किल होता है। FATF का अगला सत्र अप्रैल 2022 में होने वाला है और तब तक पाकिस्तान 'ग्रे लिस्ट' में ही रहेगा। इसी के साथ देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद भी धूमिल हो गई।
बता दें कि, जून में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को काले धन पर रोक नहीं लगाने, आतंकवाद के लिए वित्तपोषण बढ़ाने पर ‘ग्रे सूची’ में रखा था और उससे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े हाफिज सईद तथा मसूद अजहर जैसे आतंकी सरगनाओं के खिलाफ जांच करने और उन पर मुकदमा चलाने को कहा गया था। साथ ही एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान को एक कार्य योजना दी गई थी जिसे पूरा करने को कहा गया था।
विश्लेषकों और रिपोर्टों से पता चलता है कि पाकिस्तान अप्रैल 2022 में होने वाली बैठक तक ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा क्योंकि वह आतंकी फंडिंग को रोकने में विफल रहा है। एफएटीएफ की यह बैठक डॉ. मार्कस प्लेयर की जर्मन प्रेसीडेंसी के तहत हो रही है। ग्लोबल नेटवर्क के 205 सदस्यों में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, संयुक्त राष्ट्र समेत पर्यवेक्षक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधि इस बैठक का हिस्सा हैं।
पाकिस्तान ने अभी एफएटीएफ के मानदंडों को पूरा नहीं किया है!
‘द न्यूज इंटरनेशनल’ द्वारा पेरिस से प्रकाशित एक खबर के अनुसार एफएटीएफ का तीन दिवसीय सत्र 19 से 21 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। ऐसी संभावना है कि पाकिस्तान ने अभी एफएटीएफ के मानदंडों को पूरा नहीं किया है। खबर में जर्मन मीडिया संस्थान डायचे वेले के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ से हटाने का फैसला अप्रैल 2022 में आयोजित होने वाले एफएटीएफ के अगले सत्र में लिया जा सकता है।
जानिए क्या है एफएटीएफ?
एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और टैरर फंडिंग जैसे वित्तीय मामलों में दखल देते हुए तमाम देशों के लिए गाइडलाइन तय करती है और यह तय करती है कि वित्तीय अपराधों को बढ़ावा देने वाले देशों पर लगाम कसी जा सके।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति है बेहद खराब
बता दें कि, पाकिस्तान में महंगाई से लोग बुरी तरह से परेशान हैं। देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब नजर आ रही है। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान इस समय सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। पाकिस्तान के सबसे बड़े अंग्रेजी अखबारों में से एक 'द न्यूज इंटरनेशनल' के अनुसार देश एक गहरे वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार को देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2021 से 2023 तक 51.6 बिलियन डॉलर की जरूरत है।
(इनपुट- ANI/भाषा)