Coronavirus: चीन में फंसे पाकिस्तानी छात्रों के परिजनों ने सरकार के दावों को धोया
चीन में कोरोनावायरस का कहर जारी है, ऐसे में वहां फंसे पाकिस्तानी छात्रों के परिजनों ने छात्रों को वापस लाने की मांग के साथ ही सरकार की ब्रीफिंग को खारिज कर दिया।
इस्लामाबाद: चीन में कोरोनावायरस का कहर जारी है, ऐसे में वहां फंसे पाकिस्तानी छात्रों के परिजनों ने छात्रों को वापस लाने की मांग के साथ ही सरकार की ब्रीफिंग को खारिज कर दिया। मीडिया ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर बुधवार को सरकार की ओर से एक ब्रीफिंग की व्यवस्था की गई थी, ताकि परिवार के सदस्यों को इस बाबत विश्वास में लिया जा सके कि क्यों पाकिस्तान सरकार ने नागरिकों को चीन से वापस नहीं लाने का फैसला किया है।
प्रवासी पाकिस्तानियों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक सैयद जुल्फिकार बुखारी ने प्रतिभागियों को ब्रीफिंग में कहा कि चीन में कोरोनावायरस की स्थिति जटिल हो गई है। एनएचएस पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा कि सरकार परिजनों की परेशानियों को समझती है और इसी को ध्यान में रखते हुए ब्रीफिंग की जा रही है। लेकिन वहां आए प्रतिभागियों ने तर्क देते हुए कहा कि जब अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे मुल्क भी अपने नागरिकों को चीन से वापस ले आए हैं, तो ऐसे में सिर्फ पाकिस्तान ही क्यों अपने नागरिकों को वहां पर छोड़े हुए है।
एक अभिभावक ने कहा, "आप युवाओं की बात करते हैं लेकिन आपको उनकी चिंता नहीं है। यदि हमारे बच्चों को तीन दिनों के भीतर वापस स्वदेश नहीं लाया जाता तो हम चीनी दूतावास के सामने धरने पर बैठेंगे। हम आपका कार्यालय भी बंद कर देंगे। हमारे बच्चों को पाकिस्तान वापस लाया जाए और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखा जाए।"
कुछ अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चे वापस आ सकें, इसके लिए वे पैसे दान करने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, "हमारे बच्चे बस वापस आ जाए और हम कुछ भी अन्य तर्क सुनने को तैयार हैं।"
वुहान के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में कम से कम 500 पाकिस्तानी छात्र पढ़ाई करते हैं। 1.1 करोड़ की आबादी वाला चीन के हुबेई प्रांत का वुहान शहर कोरोनावायरस का मुख्य केंद्र बना हुआ है।