पाकिस्तान: सियासी दलों के बाद यूरोपीय संघ के चुनाव पर्यवेक्षकों ने भी उठाए चुनावों पर सवाल, PPP से गठबंधन पर इमरान खान का इंकार
पाकिस्तान चुनाव में इमरान खान का पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आई है।
नई दिल्ली: क्रिकेटर से प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा होने से पहले ही इमरान खान की ख्वाहिशों पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान के कई सियासी दलों के बाद अब यूरोपीय संघ (EU) के चुनाव पर्यवेक्षकों की टीम ने भी चुनाव में धांधली को लेकर सवाल खड़े किए हैं। यूरोपियन संघ की टीम ने चुनाव के समय सभी उम्मीदवारों को असमान अवसर, अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी साथ ही वोटिंग के समय कई प्रकार के नियमों की अनदेखी पर सवाल खड़े किए हैं। टीम ने कहा कि मीडिया समूहों और पत्रकारों को भी पाबंदियों का सामना करना पड़ा, जिससे सेल्फ-सेंसरशिप की स्थिति बन गई।
दरअसल पाकिस्तान चुनाव में इमरान खान का पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आई है। हालांकि पीटीआई बुहमत से कुछ पीछे रह गई है। ऐसे आरोप लग रहे हैं कि इमरान खान को पाकिस्तान फौज का समर्थन प्राप्त था और चुनाव में पीटीआई के समर्थन में उसने दखलअंदाजी की है। जिसके बाद कई सियासी दलों के साथ-साथ यूरोपीय संघ के चुनाव पर्यवेक्षकों ने भी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ईयू टीम की ओर से कहा गया, 'हमने पाया कि लीगल फ्रेमवर्क में सकारात्मक बदलावों पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर 'ग्रहण' और चुनाव प्रचार के लिए असमान अवसर जैसी पाबंदियां हावी रहीं।' ईयू के मुख्य पर्यवेक्षक माइकल गेहलर (जर्मनी) के नेतृत्व वाली टीम ने कहा कि नए चुनाव कानून में सकारात्मक बदलावों और ज्यादा निष्पक्ष चुनाव आयोग के बावजूद पूरी चुनाव प्रक्रिया नकारात्मक राजनीतिक माहौल से प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि ईयू के 120 से ज्यादा पर्यवेक्षकों ने पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और इस्लामाबाद में 113 निर्वाचन क्षेत्रों के 582 मतदान केंद्रों पर ओपनिंग, वोटिंग, काउंटिंग आदि चुनाव प्रक्रिया की निगरानी की।
इसके अतिरिक्त ईयू के मुख्य पर्यवेक्षक माइकल गेहलर (जर्मनी) के नेतृत्व वाली टीम ने कहा कि नए चुनाव कानून में सकारात्मक बदलावों और ज्यादा निष्पक्ष चुनाव आयोग के बावजूद पूरी चुनाव प्रक्रिया नकारात्मक राजनीतिक माहौल से प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि ईयू के 120 से ज्यादा पर्यवेक्षकों ने पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और इस्लामाबाद में 113 निर्वाचन क्षेत्रों के 582 मतदान केंद्रों पर ओपनिंग, वोटिंग, काउंटिंग आदि चुनाव प्रक्रिया की निगरानी की। वहीं पाकिस्तान की छह पार्टियों ने चुनाव परिणाम पर सवाल खड़े किए हैं। इस सबके बीच बहुमत से कुछ पीछे रह जाने वाले इमरान खान ने साफ किया है कि बहुमत के लीए वो तीसरे नंबर पर रही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से हाथ नहीं मिलाएंगे बल्कि छोट दल और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे।