ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने चीन पहुंचे डोबाल, करेंगे जिनपिंग से मुलाकात
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ आज से शुरू हो रही बैठक में भाग लेने के लिए चीन में हैं।
बीजिंग: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ आज से शुरू हो रही बैठक में भाग लेने के लिए चीन में हैं। यहां उनके सिक्किम गतिरोध पर चीन के स्टेट काउंसलर यांग जिची से बातचीत करने की संभावना है। डोभाल ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए कल यहां पहुंचे। इस बैठक की मेजबानी यांग कर रहे हैं। उनकी यात्रा से सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम इलाके में एक महीने से चल रहे गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच समाधान निकलने की संभावना बढ़ गई है। डोभाल और यांग दोनों भारत-चीन सीमा तंत्र के विशेष प्रतिनिधि हैं। (घटनास्थल का दौरा किए बिना सीरिया को मत ठहराएं दोषी: रूस)
आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, डोभाल ब्रिक्स देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ कल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे। भारतीय सेना ने भारत-भूटान-चीन सीमा पर चीनी सेना को सड़क बनाने से रोक दिया था जिसके बाद एक महीने से ज्यादा समय से चीन और भारत की सेना आमने-सामने है। चीन ने दावा किया है कि वह अपने क्षेत्र के भीतर सड़क का निर्माण कर रहा है। भारत ने इस निर्माण का विरोध जताया है और डर जताया है कि इससे चीन को पूर्वोार राज्यों तक भारत की पहुंच खत्म करने में मदद मिलेगी। डोभाल की यात्रा के मद्देनजर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कल दोहराया था कि भारत जब तक डोकलाम इलाके से सेना को बिना शर्त वापस नहीं बुलाता तब तक उसके साथ कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती।
लू ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री वांग यी ने इस मुद्दे पर आधिकारिक रूप से चीन का रूख स्पष्ट कर दिया है। बहरहाल, चीन इस बात पर बना हुआ है कि भारतीय सेना की वापसी के बिना कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती लेकिन चीन के विदेश मंत्रालय ने डोभाल और यांग के बीच द्विपक्षीय बैठक का संकेत दिया है जो ब्रिक्स के एनएसए की बैठक की पंरपरा का हिस्सा है। ब्रिक्स एनएसए बैठक के बारे में लू ने मीडिया से कहा, सुरक्षा मुद्दों पर बैठक ब्रिक्स देशों के लिए एक बड़ा मंच है, जहां राजनीति और सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग करने तथा चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस दौरान वैश्विक शासन, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, आंतरिक सुरक्षा और उुर्जा सुरक्षा समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही बड़े अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्र के मुख्य मुद्दों पर बातचीत होगी।