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Hindi News विदेश एशिया ऐतिहासिक सम्मेलन के लिए किम के बाद ट्रंप भी पहुंचे सिंगापुर, 12 को होगी दोनों नेताओं की मुलाकात

ऐतिहासिक सम्मेलन के लिए किम के बाद ट्रंप भी पहुंचे सिंगापुर, 12 को होगी दोनों नेताओं की मुलाकात

उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों को लेकर दोनों नेताओं के बीच मंगलवार को होने वाले इस अहम शिखर सम्मेलन पर पूरी दुनिया की नजर है...

<p>North Korean leader Kim Jong Un and US President Donald...- India TV Hindi North Korean leader Kim Jong Un and US President Donald Trump

सिंगापुर: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन, ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के लिए आज यहां पहुंचे। उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों को लेकर दोनों नेताओं के बीच मंगलवार को होने वाले इस अहम शिखर सम्मेलन पर पूरी दुनिया की नजर है। ट्रंप को लेकर पहुंचा एयर फोर्स वन यहां एक सैन्य हवाई अड्डे पर उतरा। एयर फोर्स वन कनाडा से यहां पहुंचा जहां ट्रंप ने जी-7 देशों की एक बैठक में हिस्सा लिया।

इससे कुछ घंटे पहले किम को लेकर एक जेट विमान यहां उतरा था। सिंगापुर के विदेश मंत्री के साथ हाथ मिलाने के बाद किम एक लिमोजिन में शहर की सड़कों पर निकले। लिमोजिन पर उत्तर कोरिया के दो झंडे लगे हुए थे। इस वाहन के अगल-बगल काले शीशे वाली गाड़ियों का एक काफिला था। किम का काफिला सेंट रेजिस होटल पहुंचा। किम ने आज शाम सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिन लुंग से मुलाकात की और इस दौरान उनके चेहरे पर मुस्कान थी।

किम ने एक दुभाषिये की मदद से ली से कहा, ‘‘उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच होने वाले इस ऐतिहासिक सम्मेलन पर पूरे विश्व की नजर है और आपके ईमानदार प्रयासों के लिए धन्यवाद...हम ऐतिहासिक सम्मेलन के लिए तैयारियों को पूरा कर पाए।’’ ट्रंप, ली से कल मुलाकात करने वाले हैं।

ट्रंप ने कहा है कि वह उम्मीद करते हैं कि वह उत्तर कोरिया के साथ परमाणु हथियार छोड़ने का समझौता कर लेंगे। ट्रंप ने हालांकि हाल में कहा था कि इस कार्य में एक बैठक से अधिक का समय लग सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया इस कगार पर खड़ा है कि वह पूरे अमेरिका के मुख्य भूमि को अपनी परमाणु मिसाइलों से निशाना बनाने में सक्षम हो सकता है। साथ ही इसको लेकर भी गहरा संदेह है कि किम मुश्किल से हासिल परमाणु हथियार छोड़ देंगे। हालांकि इसकी भी कुछ उम्मीद है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच शत्रुता का स्थान कूटनीति ले सकती है।

उत्तर कोरिया के किसी नेता और अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति के बीच होने वाला यह पहला शिखर सम्मेलन होगा। उत्तर कोरिया ने कूटनीतिक और आर्थिक प्रतिबंधों का सामना किया है क्योंकि उसने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के विकास को आगे बढ़ाया है।

ट्रंप से मंगलवार को मुलाकात से पहले उत्तर कोरियाई नेता के प्रत्येक कदम पर तीन हजार पत्रकारों की नजर रहेगी जो सिंगापुर में जुटे हैं। मंगलवार को होने वाले शिखर सम्मेलन को लेकर इतनी उत्सुकता इसलिए भी है क्योंकि किम विश्व मंच पर बहुत कम ही दिखते हैं। किम ने 2011 के आखिर में अपने पिता की मृत्यु के बाद सत्ता संभालने के उपरांत अपना देश सार्वजनिक रूप से केवल तीन बार छोड़ा है। इसमें से वह दो बार चीन के नेताओं से मुलाकात के लिए चीन की यात्रा पर गए हैं और एक बार दक्षिण कोरिया के साथ लगती सीमा से लगे विसैन्यीकृत क्षेत्र में दक्षिण कोरिया के नेताओं से मिलने गए थे।

ट्रंप के साथ किम के इस शिखर सम्मेलन का इतना महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसका प्रारंभिक मकसद उत्तर कोरिया को उसके परमाणु हथियारों से मुक्त करना है, हालांकि ट्रंप ने हाल में इसे इस तरह से पेश किया है कि यह एकदूसरे को जानने समझने के बारे में है। ट्रंप ने और शिखर सम्मेलन होने तथा कोरियाई युद्ध को समाप्त करने के लिए एक शांति समझौते की उम्मीद भी जगायी है। यह अभी अस्पष्ट है कि मंगलवार को ट्रंप और किम क्या निर्णय करेंगे।

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