इस्लामाबाद: पुलवामा हमले को अपनी करतूत बताने का दावा करने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बारे में पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि जैश पाकिस्तान में नहीं है। हालांकि, कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी स्वीकार कर चुके हैं कि आतंकवादी संगठन का प्रमुख यहीं पर है। इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर से सवाल किया गया था कि क्या पुलवामा हमले के बाद दोनों देश युद्ध के कगार पर खड़े हैं?
उन्होंने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा,‘‘ मैं कहूंगा कि युद्ध के करीब थे क्योंकि उन्होंने (भारत) हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था, हमने जवाब दिया। नियंत्रण रेखा (LoC) पर हम आमने सामने थे। दशकों से LoC पर सैनिक मौजूद हैं। लेकिन, भारत की कार्रवाई और उसके बाद हमारे जवाब के चलते दोनों पक्षों ने सुरक्षा उपाय किए हैं।’’ उन्होंने LoC पर स्थिति के बारे में किए गए सवाल पर यह बात कही।
उन्होंने कहा कि सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है ‘‘क्योंकि सैन्य योजना के तहत यह स्वाभाविक है। जब हालात गर्मा जाते हैं तो सुरक्षा उपाय करने पड़ते हैं। ये सुरक्षा उपाय दोनों ओर हैं।’’ पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने आतंकवाद रोधी अभियान चलाया था और 26 फरवरी को पाकिस्तान के भीतरी इलाके बालाकोट में जैश के प्रशिक्षिण शिविर को निशाना बनाया था।
बालाकोट हवाई हमले पर भारत के दावे के बारे में पूछे जाने पर गफूर ने कहा कि वहां एक ईंट तक नहीं मिली है और न ही कोई हताहत हुआ है। ‘‘ उनके (भारत) दावे झूठे हैं।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि जैश ने पुलवामा हमले की जो जिम्मेदारी ली है, वह पाकिस्तान के भीतर से नहीं की गई है। ‘‘जैश-ए-मोहम्मद का पाकिस्तान में कोई अस्तित्व नहीं है। संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान ने भी उस पर रोक लगा रखी है। और, दूसरी बात यह कि हम किसी के दबाव में कुछ नहीं कर रहे हैं।’’
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