चीन कोरोनावायरस : मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 17, वुहान में भारतीय छात्रों में चिंता
चीन में नये कोरोनावायरस से बुधवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई जबकि संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और अब तक देश में इसके करीब 444 मामले सामने आ चुके हैं।
बीजिंग: चीन में नये कोरोनावायरस से बुधवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई जबकि संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और अब तक देश में इसके करीब 444 मामले सामने आ चुके हैं। चीनी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह बीमारी चल रही छुट्टियों के मौसम में और फैल सकती है। सरकारी समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ की खबर के अनुसार इस वायरस के कारण 17 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोनावायरस श्वसन तंत्र के जरिए फैलता है और इससे ‘‘वायरल म्यूटेशन’ होने तथा रोग के और फैलने की आंशका बनी है। ’’ चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोरोनावायरस (2019-एनसीओवी) के कारण हुए निमोनिया के 444 मामलों की पुष्टि हुई है। फिलहाल चीन के वुहान शहर में इससे जुड़े सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। एक करोड़ से अधिक की आबादी वाला वुहान एक प्रमुख परिवहन केंद्र है। इस सप्ताह के अंत में शुरू हो रही चीनी नववर्ष की वार्षिक छुट्टियों के लिए बड़ी संख्या में लोगों के चीन पहुंचने का अनुमान हैं। ज्यादातर लोग यहां से होकर अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे।
वुहान शहर में भारतीय छात्र चिंतित
चीन में सार्स सरीखे नये वायरस के प्रकोप का केंद्र बने वुहान शहर में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र हालात पर बेचैनी के साथ नजर रखे हुए हैं जहां स्थानीय अधिकारियों ने बुधवार को लोगों से शहर में और शहर के बाहर यात्रा नहीं करने को कहा है। चीन में करीब 1.15 करोड़ की आबादी वाला वुहान शहर खूबसूरत पार्कों और झीलों के लिए मशहूर है लेकिन रातोंरात संकट से घिर गया है जहां वायरस के संक्रमण के चलते नौ लोगों की मौत हो गयी और 440 से ज्यादा लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वुहान में 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता हुई थी। तब यह शहर भारत में सुर्खियों में रहा था। यहां करीब 700 भारतीय रहते हैं जिनमें अधिकतर छात्र हैं। इनमें से 500 से अधिक भारतीय छात्र चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं अन्य पीएचडी और भाषा संबंधी पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं।
भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए चीन बड़ा केंद्र बन गया है और पिछले कुछ सालों में यह संख्या बढ़कर 23 हजार के आसपास पहुंच गयी है। अधिकतर भारतीय छात्र तो परीक्षाएं होने के बाद इस महीने के दूसरे सप्ताह में घर लौट गये हैं, लेकिन कुछ अब भी रुके हुए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयुक्त उप मंत्री ली बिन ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वुहान नहीं जाइए। और जो वुहान में हैं, कृपया शहर छोड़कर नहीं जाएं।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि वुहान से आने-जाने वाले लोगों पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने ज्यादातर भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोगों की स्क्रीनिंग करने समेत निगरानी के उपाय शुरू कर दिये हैं। भारत पहले ही चीन की यात्रा पर जाने वाले लोगों को चेतावनी जारी कर चुका है। छात्रों को शहर छोड़ने के बारे में फैसला करने के लिए भारतीय दूतावास के संदेश का इंतजार है।