ढाका (बांग्लादेश): बांग्लादेश में रविवार को चक्रवात ‘बुलबुल’ के कारण दो लोगों की मौत हो गई और इस चक्रवात से होने वाली तबाही की आशंका के मद्देनजर निचले इलाकों में रह रहे 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस तूफान ने भारत के पश्चिम बंगाल से लगती बांग्लादेश की दक्षिण पश्चिमी तटरेखाओं पर तबाही मचाई है।
बांग्लादेश के अधिकारी बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में मछलियां पकड़ने की नौकाओं और ट्रॉलरों पर रोक के साथ ही नदियों में नौकाओं के आवागमन पर पहले ही अस्थाई रोक लगा चुके हैं। चक्रवात के कारण रविवार तड़के पातुआखली में एक पेड़ के एक मकान पर गिर जाने से 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। इसी प्रकार की एक अन्य घटना में खुलना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। चक्रवात के कारण सैकड़ों मकान और कई हेक्टेयर फसल तबाह हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के कारण जितनी तबाही होने की आशंका थी, उससे कम नुकसान हुआ है। बांग्लादेश के मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को एक विशेष बुलेटिन में बताया कि चक्रवात कमजोर हो गया है और इसने भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम खुलना तट से ‘‘गुजरना शुरू कर’’ दिया है।
आपदा मंत्रालय सचिव शाह कमाल ने बताया कि शुरुआत में 5000 आश्रयगृहों में 14 लाख लोगों को रखने की योजना थी लेकिन शनिवार आधी रात को यह संख्या बढ़कर 21 लाख हो गई। चक्रवात के कारण 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। यह चक्रवात ऐसे समय आया है जब पूर्णिमा आने वाली है।
पूर्णिमा में समुद्र का जल बढ़ जाता है। ऐसे में चक्रवात आने के कारण तबाही की आशंका पैदा हो गई थी। चक्रवात गंगासागर के किनारे टकराया और यह ‘खुलना’ क्षेत्र की ओर बढ़ा जिसमें सुंदरवन भी आता है। टीवी चैनल ‘इंडिपेंडेंट’ की खबर के अनुसार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बांग्लादेश की नौसेना और तटरक्षक बल को तैयार रखा गया है।
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