बीजिंग: चीन ने आज कहा कि सीपीईसी परियोजना से कश्मीर मुद्दे पर उसके और पाकिस्तान के रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा। भारत में चीन के राजदूत ने हाल ही में भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए सीपीईसी परियोजना का नाम बदलने का प्रस्ताव किया था। चीन के विदेश मंत्रालय ने हालांकि इस मुद्दे पर सीधे कुछ नहीं कहा है। भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने चीनी मामले के विशेषज्ञों और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से पिछले सप्ताह बातचीत के दौरान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारे (सीपीईसी) का नाम बदलने तथा जम्मू-कश्मीर से गुजरने वाली इसी तरह की वैकल्पिक परियोजना शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। (मिस्र की सेना ने गोला-बारूद से भरे 10 वाहन को किया नष्ट)
भारत ने इस परियोजना पर आपत्तियां व्यक्त की थीं क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरती है। चीन के विदेश मंत्रालय ने लुओ की टिप्पणी के बाबत सवाल पूछे जाने पर कहा, ‘‘सीपीईसी सभी क्षेत्रों में दीर्घकालिक विकास पर केंद्रित आपसी तालमेल की रूपरेखा है।’’
उसने कहा कि यह परियोजना न केवल चीन और पाकिस्तान के हितों में है बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और विकास को बढ़ाने में भी सहायक है।’’ उसने कहा, चीन का सीपीईसी पर मानना है कि यह एक आर्थिक मुहिम है और इसका क्षेत्रीय स्वायत्तता के विवादों से कोई लेना-देना नहीं है।
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