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चीन को है डर, कहीं सोवियत संघ की तरह टुकड़े-टुकड़े न हो जाए?

5 साल में एक बार होने वाली कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक की तैयारी कर रही चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी सोवियत संघ के पतन पर चिंतन मनन कर रही है ताकि उसकी जैसी नियति से बच सके...

Representational Image- India TV Hindi Representational Image | AP Photo

बीजिंग: 5 साल में एक बार होने वाली कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक की तैयारी कर रही चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) सोवियत संघ के पतन पर चिंतन मनन कर रही है ताकि उसकी जैसी नियति से बच सके। 18 अक्तूबर से कांग्रेस का आयोजन किया जाएगा जिसमें पार्टी, सेना का नेतृत्व कर रहे देश के सर्वोच्च नेता शी चिनफिंग के लिए राष्ट्रपति पद के दूसरे कार्यकाल की पुष्टि होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि 1991 में सोवियत संघ का विघटन हो गया था और रूस समेत 15 नए देश अस्तित्व में आए थे।

96 साल पुरानी पार्टी की 19वीं कांग्रेस में CPC के कामकाज में आमूलचूल सुधार के साथ एक नया संविधान तैयार किए जाने की भी उम्मीद है। ऐसा राष्ट्रपति शी द्वारा शुरू किए गए 5 साल के व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बाद हो रहा है जिसमें हजारों अधिकारियों को हटा दिया गया। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक, बोल्शेविक के नेतृत्व में हुई अक्टूबर क्रांति की 100वीं वर्षगांठ ने CPC को 1991 में हुए सोवियत संघ के पतन पर चिंतन मनन करने को प्रेरित किया है और उसके इसके कारणों का अध्ययन करने के लिए अपने पदाधिकारियों को रूस के दौरे पर भेजने में तेजी आई है।

1917 में हुई अक्टूबर क्रांति ने दुनिया भर में कम्युनिस्ट आंदोलनों एवं लोगों को प्रेरित किया था जिनमें चीन के नेता माओत्से तुंग शामिल थे। माओत्से तुंग ने CPC की स्थापना की थी जो एक रक्तरंजित क्रांति के बाद 1949 में सत्ता में आई थी।

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