बीजिंग: कोरोना वायरस से प्रभावित वुहान शहर में फंसे सैकड़ों पाकिस्तानी छात्रों ने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार से भारत से सीख लेने और उन्हें चीन के हुबेई प्रांत से निकाल कर ले जाने की गुहार लगाई है। भारत ने मालदीव के सात नागरिकों समेत 654 लोगों को शनिवार और रविवार को वुहान से निकाला। भारत ने विषाणु के फैलने के खतरे को देखते हुए चीनी यात्रियों और चीन में रह रहे विदेशियों को ई-वीजा जारी करने की सुविधा पर भी अस्थायी रूप से रोक लगा दी है।
चीन में नियुक्त पाकिस्तान के राजदूत नगमाना हाशमी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तानी छात्रों को वुहान से इसलिए नहीं निकाला जाना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने की समुचित व्यवस्था नहीं है। हाशमी की टिप्पणी से एक दिन पहले स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा था कि पाकिस्तानी सरकार अपने नागरिकों को वापस नहीं लाएगी।
चीन में फंसे पाकिस्तानी छात्रों ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सरकार से अपना फैसला बदलने की गुहार लगाई। भारतीय छात्रों को वापस लौटते देख पाकिस्तानी छात्रों ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर अपनी सरकार से गुहार लगाई कि उन्हें निकाला जाए। एक वीडियो में दिख रहा है कि भारतीय छात्र हवाई अड्डे पर जाने के लिए बस में चढ़ रहे हैं।
इस वीडियो को साझा करते हुए एक पाकिस्तानी छात्र ने कहा कि जहां भारत अपने नागरिकों को वापस निकाल रहा है वहीं पाकिस्तानी सरकार कह रही है कि “तुम जियो या मरो हम तुम्हें न निकालेंगे न उबारेंगे।”
वायरल हो रहे एक वीडियो में छात्र ने कहा, “पाकिस्तान सरकार शर्म करो। भारत से सीखो कि वह अपने नागरिकों का कैसे खयाल रखता है।” पाकिस्तान के अलावा नेपाल और श्रीलंका पर भी अपने नागरिकों को चीन से बाहर निकालने का दबाव है।
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