बीजिंग: चीन में कोरोनावायरस के कहर के चलते 56 लोगों की मौत हो चुकी है। यह वायरस अब यूरोप में भी फैल चुका है। सूत्रों के मुताबिक, इस बीच भारत ने चीन से अनुरोध किया है कि वुहान में फंसे 250 भारतीय छात्रों को शहर छोड़ने की इजाजत दी जाए। बता दें कि वुहान SARC जैसे विषाणु का केंद्र है। माना जाता है कि भारत के करीब 700 छात्र वुहान और आसपास के इलाकों में स्थित विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं, जिनमें अधिकतर मेडिकल के छात्र हैं। प्रशासन ने किसी के भी वुहान छोड़ने पर रोक लगा दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकतर भारतीय छात्र चीनी नव वर्ष की छुट्टियों की वजह से अपने घर चले गए हैं और माना जाता है कि 250-300 छात्र अब भी चीन के इस शहर में हैं। इसके अलावा भारतीय छात्रों के माता-पिता के लिए तेजी से फैलता विषाणु चिंता का सबब बना हुआ है। 23 जनवरी को शहर को सील करने से पहले कुछ छात्र शहर को छोड़ने में कामयाब रहे थे। भारत ने चीन, खासकर वुहान से आने वाले यात्रियों की निगरानी बढ़ा दी है। सूत्रों के मुताबिक, इस बीच भारत ने चीनी विदेश मंत्रालय और वुहान के स्थानीय अधिकारियों से गुजारिश की है कि भारतीय छात्रों के लिए शहर छोड़ने का प्रबंध करने पर विचार करें।
दरअसल, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआन से जब पूछा गया कि क्या चीन अपने नागरिकों को निकालने के देशों के अनुरोध पर विचार करेगा, तो इसके जवाब में उन्होंने गुरुवार को कहा था ‘हम चीन में विदेशी वाणिज्य अधिकारियों की उनके आधिकारिक काम में हमेशा मदद करते हैं। हमने उन्हें सभी मदद और जरूरी सुविधाओं की पेशकश की है तथा हम चीन में विदेशी नागरिकों के कानूनी अधिकारों और हितों की गारंटी के लिए काम कर रहे हैं।’
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