ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने से इनकार करने वाले डॉक्टरों को मंगलवार को कड़ी चेतावनी जारी की। देश में इस महामारी से संक्रमित पांच और लोगों की मौत होने के बाद इस तरह की आशंका है कि अप्रैल के आने वाले दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। हसीना ने कोरोना वायरस की स्थिति पर चटगांव और सिलहट के जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए कहा, ‘‘मैं उनके नाम जानना चाहती हूं वे डॉक्टरों के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में असमर्थ हैं।’’
उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज से मना करने वाले डॉक्टरों को नौकरी करने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही उन्होंने संकट के दौरान सेवाएं देने के लिए डॉक्टरों और अन्य लोगों को विशेष प्रोत्साहन और ‘‘स्वास्थ्य बीमा’’ देने की भी घोषणा की। ढाका विश्वविद्यालय में शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के 22 वर्षीय एक स्नातकोत्तर छात्र का ढाका के कई अस्पतालों ने कोरोना वायरस के संदेह में इलाज करने से मना कर दिया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के एक दिन बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना का यह बयान आया है।
उन्होंने कहा कि इन निजी संस्थानों के डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए। इस बीच महामारी विज्ञान संस्थान, रोग नियंत्रण और अनुसंधान की निदेशक डा.मीरजादी सबरीना फ्लोरा ने अपनी नियमित ब्रीफिंग में बताया कि पिछले 24 घंटे में पांच और लोगों की मौत हुई है और 41 नये मामले सामने आये हैं। उन्होंने बताया, ‘‘कोरोना वायरस के संक्रमण से अब मृतकों की संख्या 17 हो गई है और इसके मामलों की संख्या 164 है।’’ फ्लोरा ने कहा कि एक दिन में 792 संदिग्धों से एकत्र किये गये नमूनों की जांच में ये नये मामले सामने आये हैं। 41 नये मामलों में से 20 ढाका में पाये गये हैं और 15 मामले नारायणगंज में सामने आये हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से जिन पांच और लोगों की मौत हुई है उनमें चार पुरुष और एक महिला हैं।
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